पीडीपी चीफ महबूबा मुफ़्ती ने पुलवामा में एक चुनावी रैली के दौरान असली जमात-ए-इस्लामी और नकली जमात-ए-इस्लामी को लेकर एक बयान दिया है। महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि अगर केंद्र सरकार जमात-ए-इस्लामी को डेमोक्रेटिक सेटअप में लाने के लिए गंभीर है तो इसपर लगा बैन हटा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जमात को विभाजित कर दिया है और असली जमात सलाखों के पीछे है। 

कौन जमात का उम्मीदवार है कौन नहीं? 

महबूबा मुफ़्ती ने पुलवामा में कहा कि यह समझना मुश्किल है कि जमात का उम्मीदवार कौन है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा,”एक उम्मीदवार कहता है कि मैं जमात का उम्मीदवार हूं, दूसरा कहता है, नहीं मैं असली जमात उम्मीदवार हूं। लेकिन असली जमात-ए-इस्लामी जेल में है, जिसके नेताओं के पीछे ANI और ED है।”

जमात-ए-इस्लामी पर UAPA के तहत बैन लगा है। जानकारी के मुताबिक जमात 18 सितंबर को होने वाले जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे चार उम्मीदवारों का समर्थन कर रही है, ये सभी दक्षिण कश्मीर में हैं। हालांकि जमात के कुछ नेताओं ने इन नेताओं के चुनाव लड़ने का विरोध किया है।

यह एक कारण हो सकता है कि जमात ने शुरू में दक्षिण कश्मीर से सात उम्मीदवार उतारने की योजना बनाई थी, लेकिन तीन उम्मीदवार पीछे हट गए। जमात ने अपने समर्थित ज़ैनपुरा उम्मीदवार से समर्थन भी ले लिया था जबकि नामांकन पत्र भी दाखिल किया जा चुका था। जमात अब इस सीट से एजाज अहमद मीर का समर्थन कर रही है, जो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।

जमात के एक उम्मीदवार ने रविवार को कुलगाम में एक रैली आयोजित की जिसमें भारी उमड़ी, यहां जमात के तीन और उम्मीदवार भी मौजूद थे।

कौन-कौन है जमात-ए-इस्लामी समर्थित उम्मीदवार?

डॉ. तलत मजीद: अवंतीपोरा के गोरीपोरा के रहने वाले डॉ. तलत मजीद पुलवामा से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां उनका मुकाबला पीडीपी के युवा नेता वहीद उर रहमान पारा और नेशनल कॉन्फ्रेंस के खलील अहमद बंद से है। वह जमात-ए-इस्लामी से बतौर रुक्न (सदस्य) 2003 में जुड़े थे। लेकिन 2014 में अलग हो गए थे। 


एजाज अहमद मीर: शोपियां के जैनापोरा से चुनाव लड़ रहे मीर ने 2014 में पीडीपी के टिकट पर यह सीट जीती थी, उन्होंने एनसी के शौकत हुसैन गनई को हराया था। पीडीपी द्वारा टिकट देने से इनकार किए जाने के बाद उन्होंने निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल किया और बाद में उन्हें जमात का समर्थन मिला।

सयार अहमद रेशी: जमात के पूर्व सदस्य रेशी कुलगाम से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने इस सीट से लंबे समय से कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधि रहे मोहम्मद यूसुफ तारिगामी हैं। इस बार वे कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन के सर्वसम्मत उम्मीदवार हैं।

नजीर अहमद भट: वह देवसर से चुनाव लड़ रहे हैं। 49 वर्षीय भट की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है और उन्हें अंतिम समय में चुना गया उम्मीदवार माना जा रहा है, क्योंकि जमात को इस सीट से कोई प्रमुख उम्मीदवार नहीं मिल पाया।