डोकलाम में पिछले दो महीने से जारी गतिरोध के बीच मंगलवार (15 अगस्त) को लद्दाख के पानगोंग झील के किनारे चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हो गई। साल 2005 से अब तक पहली बार चीन की सेना पीएलए ने भारत के स्वतंत्रता दिवस पर सीमा पर आयोजित समारोह में शामिल होने से इनकार किया है। पानगोंग झील के किनारे की घटना 135 किलोमीटर झील के फिंगर-6 के करीब सुबह 7.30 बजे हुई। इस झील का एक-तिहाई हिस्सा भारत के नियंत्रण में है, बाकी चीन के। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच मारपीट और झड़प हुई लेकिन गोली नहीं चली। सूत्रों के अनुसार झील के चीनी हिस्से के किनारे बनी सड़क पर 52 ट्रक खड़े देखे गए। हालांकि शाम तक वो ट्रक वहां से चले गए। भारतीय सेना ने इस घटना पर किसी तरह का कमेंट करने से इनकार किया।
भारत, चीन और भूटान के त्रिमुहाने वाले इस इलाके में चीनी सेना के भारतीय स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में शामिल न होने से तनाव बढ़ गया है। साल 2005 से अब तक पहली बार ऐसा हुआ है कि दोनों देशों के बीच 15 अगस्त की बैठक नहीं हुई। हर साल चीनी सेना पीएलए के स्थापना दिवस एक अगस्त पर दोनों देशों के बीच होने वाली वार्षिक बैठक भी इस साल नहीं हुई। सेना भले ही इस पर टिप्पणी करने से बच रही है लेकिन सरकारी अधिकारियों के अनुसार इन बैठकों से दोनों देशों का परस्पर विश्वास बढ़ता है।
सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पांच निर्धारित जगहों पर इस बार ये वार्षिक बैठक नहीं हुई। भारतीय सेना के सूत्र ने बताया कि परंपरा के अनुरूप भारतीय सेना ने इस बार भी चीनी सेना को आमंत्रित किया था लेकिन चीनियों की तरफ से कोई जवाब नहीं आया। चीनी डोकलाम के करीब नाथू ला समेत अन्य चार बैठक स्थलों पर होने वाली वार्षिक बैठक में नहीं शामिल हुए।
दोनों देशों के बीच पहली दो वार्षिक बैठक साल 2005 में हुई थी। उसके बाद दोनों देशों ने इन बैठकों की नियमावली (प्रोटोकॉल) तैयार किए और उस पर दस्तखत किए। दोनों देशों ने एक दूसरे के राष्ट्रीय दिवस या सेना दिवस पर वेस्टर्न सेक्टर के स्पानगुर गैप, सिक्किम सेक्टर के नाथू ला और ईस्टर्न सेक्टर के बम ला में बैठक करने पर सहमति जतायी थी। उसके बाद दोनों देश एक अगस्त और 15 अगस्त पर वार्षिक सीमा बैठक करने पर रजामंद हो गए थे क्योंकि अन्य राष्ट्रीय या सैन्य दिवस ठंड के मौसम में पड़ते हैं जब इस पहाड़ी इलाके में बैठक करना मुश्किल होता है।