इकोनोमिक सर्वे पेश होने के बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने अन्य आर्थिक विशेषज्ञों के साथ प्रेस कांफ्रेंस की थी। इसमें देश की आर्थिक स्थिति को और स्पष्ट करने की कोशिश की गई थी। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ‘द वीक’ के एक पत्रकार के सवाल का जवाब चर्चा में है। दरअसल, जर्नलिस्ट ने अरविंद सुब्रमण्यम से डिमांड और रोजगार में गिरावट को लेकर सवाल पूछा था। इस पर मुख्य आर्थिक सलाहकार पूछ बैठे कि क्या आप जेएनयू से पढ़ कर आए हैं? हालांकि, अरविंद सुब्रमण्यम ने तुरंत कहा कि वह बस टांग खींच रहे थे। प्रेस कांफ्रेंस का वीडियो टि्वटर पर आते ही वायरल हो गया। लोग उनकी कड़ी आलोचना करने लगे। इनमें आर्थिक घटनाओं पर पैनी नजर रखने वाले प्रंजॉय गुहा ठाकुरता भी शामिल हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मुख्य आर्थिक सलाहकार द्वारा की गई यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी है, फिर चाहे उन्होंने यह बात मजाक में ही क्यों न कही हो। सुब्रमण्यम, ह्यूमर के जरिये आपका यह प्रयास पूरे विश्वविद्यालय को बदनाम करने की बड़ी साजिश का हिस्सा है…और मैं आपकी टांग नहीं खींच रहा हूं।’ सतीश सर्वोदय ने लिखा, ‘सरकार पर सवाल न उठाएं नहीं तो आप राष्ट्रद्रोही हो जाएंगे।’ रमन्ना ने ट्वीट किया, ‘मुख्य आर्थिक सलाहकार द्वारा मजाक में भी इस तरह की कही गई बात अविश्वसनीय है। जेएनयू से कई बेहतरीन पेशेवर निकले हैं। उनमें से कई लोग उसी सरकार में काम कर रहे हैं, जिसका अरविंद सुब्रमण्यम खुद हिस्सा हैं।’ संजीव ने लिखा, ‘ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय जेएनयू की तरह ही ब्रिटिश सरकार पर हमेशा सवाल उठाता रहा है और इसे सम्मान के तौर पर लेता है।’
When a Journalist questions Cheif Economic Adviser Arvind Subramamian during Press Conference on Economic survey: “I think we are seeing a dearth of jobs & demands. Does the survey have a view?”
CEA @arvindsubraman: “Did you study in JNU, my friend?” pic.twitter.com/adSsouL3Qa— Unofficial Sususwamy (@swamv39) January 29, 2018
This comment from the CEA is most unfortunate even if said in jest. Dr Arvind Subrahmanian, your attempt at humour, is part of a bigger game plan to demonise an entire University – and I am not pulling your leg, Sir. Your college mate.
— ParanjoyGuhaThakurta (@paranjoygt) January 30, 2018
It appears jnu really makes the govt machinery nervous. CEA clearly exposed himself while trying to mock the reporter and jnu. Appeared as if he said " for demands come to my Mann ki baat" !! No clear answers to clear relevant questions!
— seemaverma (@vseema) January 30, 2018
आर्थिक सर्वेक्षण में देश की आर्थिक स्थिति के अलावा अगले वित्त वर्ष में विकास की रफ्तार को लेकर अनुमान जताया जाता है। इकोनोमिक सर्वे के अनुसार, वित्त वर्ष 2017-2018 के दौरान जीडीपी की रफ्तार 6.75 फीसद रहने का अनुमान जताया गया है। इसके साथ ही 2018-2019 में आर्थिक विकास की रफ्तार 7-7.5 फीसद रहने की बात कही गई है। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में निर्यात बढ़ने की बात कही। आर्थिक सर्वे में भी इसकी पुष्टि की गई है। हालांकि, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने पिछले तीन दशकों में देश की आर्थिक विकास की रफ्तार औसतन 6 से 6.5 फीसद रहने की बात कही है। सुब्रमण्यम ने आर्थिक रफ्तार को बढ़ाने के लिए सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने की बात कही है।