प्रियंका मुखर्जी
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर किताबों, संस्मरण, विश्लेषणों और खबरों की गिनती शायद संभव नहीं लेकिन उनकी पत्नी कमला नेहरू की बहुत कम चर्चा होती है, जबकि नेहरू परिवार के कुछ करीबियों का मानना है कि जवाहरलाल पर कमला नेहरू का काफी प्रभाव था। एक अगस्त 1899 को जन्मीं कमला का विवाह जवाहरलाल से 1916 में हुआ था। कमला भी कश्मीरी ब्राह्मण परिवार से आती थीं। शादी के वक्त उनकी उम्र 17 और जवाहरलाल की 26 साल थी। 28 फरवरी 1936 को महज 37 साल की उम्र में उनका क्षयरोग (टीबी) के कारण देहांत हो गया। जवाहरलाल और कमला का पहला बच्चा एक लड़का था जिसका जन्म के कुछ साल बाद ही निधन हो गया था। नेहरू दंपती की एकमात्र जीवित संतान इंदिरा गांधी थीं जो देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
जवाहरलाल नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित ने अपनी किताब “द स्कोप ऑफ हैप्पीनेस: अ पर्सनल मेमॉयर” में लिखा है कि कमला नेहरू ने जवाहरलाल के वैचारिक परिवर्तन में अहम भूमिका निभायी थी। विजय लक्ष्मी पंडित ने लिखा है, “उसने गांधी के आत्मत्याग के दर्शन को बहुत गंभीरता से लिया था। उसने जवाहर से क्रांतिकारी रुख त्याग कर अपनी जीवनशैली बदलने का अनुरोध किया।” कमला ने महात्मा गांधी के कई आंदोलनों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। विदेशों सामान का बहिष्कार और इलाहाबाद में शराबबंदी जैसे आंदोलनों में कमला नेहरू महिला जत्थे की अगली कतार में रहती थीं।
वीडियो: देखें कमला नेहरू का वास्तविक फुटेज
एक बार जब जवाहरलाल को ब्रिटिश पुलिस ने एक भाषण के बाद “राजद्रोह” के आरोप में गिरफ्तार कर लिया तो कमला नेहरू ने उनकी जगह लेते हुए खुद भी वही भाषण सार्वजनिक मंच पर दिया था। कमला की बढ़ती लोकप्रियता से डरकर ब्रिटिश ने उन्हें भी गिरफ्तार करवा दिया। लेकिन जेल जाने से कमला का मनोबल नहीं टूटा। आजादी की लड़ाई की सिपाही होने के साथ वो अपने पति की आदर्श जीवनसंगिनी भी थीं। शायद यही वजह है कि वो अपनी निजी तकलीफ को पति और परिवार से छिपाती रही थीं जिससे उनकी बीमारी बढ़ती गई। कृष्णा नेहरू हथीसिंग ने अपनी किताब “डियर टू बिहोल्डः एन इंटीमेट प्रोट्रेस ऑफ इंदिरा गांधी” में कमला नेहरू के इस पक्ष पर रोशनी डाली है। कृष्णा नेहरू लिखती हैं, “कमला जवाहर के सुकून का स्रोत थी और उसने उन्हें कभी पता नहीं चलने दिया कि वो किस कदर बीमार है। वो हरदम आशावान रहती थी। वो जब भी जवाहर के पास होती थी उसे ढांढस और साहस देती थी।”
कमला नेहरू महात्मा गांधी के साथ सविनय अवज्ञा आंदोलन और नमक सत्याग्रह में भी शामिल हुई थीं। उन्हें अंग्रेजों को नमक कानून तोड़ने वाले शुरुआती नेताओं में शुमार किया जाता है। आजादी की लड़ाई के दौरान वो इलाहाबाद स्थिति नेहरू परिवार के आवास “स्वराज भवन” में घायलों की सेवा किया करती थीं। गांधी जी के स्वदेशी आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए वो सड़कों पर खद्दर भी बेच चुकी थीं। कमला नेहरू ने दुर्गाबाई और कमलादेवी चट्टोपाध्याय के साथ मिलकर कर-विरोध आंदोलन चलाया था।
वीडियो: देखिए जवाहरलाल नेहरू और उनके परिवार की अनदेखी तस्वीरें-
(प्रियंका मुखर्जी इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप की वेबसाइट इनयूथ से जुड़ी हुई हैं।)
