चौथे टैस्ट से पहले तक किसी ने भी यह कल्पना नहीं की होगी कि पहले टैस्ट में 36 रन पर सिमटने वाली मेहमान टीम कंगारुओं के छक्के छुड़ा देगी। इस दौरे पर एक समय भारतीय टीम की स्थिति यह थी उसके लिए 11 खिलाड़ी जुटाना मुश्किल हो रहा था। उसके करीब सात मुख्य खिलाड़ी चोटिल हो कर मैच से बाहर हो गए।
लेकिन युवा खिलाड़ियों ने शानदार जज्बा दिखाते हुए मोर्चे से अगुआई की और अजिंक्य रहाणे की बेहतरीन कप्तानी व चेतेश्वर पुजारा की शांत बल्लेबाजी ने टीम को जीत तक पहुंचाया। एक बात और गौर करने वाली है कि इस जीत के हीरो नायक बने युवा खिलाड़ी वहीं है जिन्हें राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन में तैयार किया गया।
भारतीय टीम ने 2018 में जब आस्ट्रेलिया में टैस्ट सीरीज जीती थी तब आलोचकों का कहना था कि यह मेजबान की बी टीम है। इसे हराना उतना मुश्किल नहीं था। तब स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर सहित कई मुख्य गेंदबाज टीम में नहीं थे। हालांकि भारत ने इस बार आलोचकों को करारा जवाब दिया है।
आस्ट्रेलिया की मजबूत टीम को मोहम्मद सिराज, टी नटराजन, शुभमन गिल, ऋषभ पंत और मयंक अग्रवाल जैसे युवाओं ने धूल चटा दी। इसके साथ ही उसने कई रेकॉर्ड भी अपने नाम कर लिए। आस्ट्रेलिया में दो टैस्ट शृंखला जीतने वाली भारत एशिया की पहली टीम है। वहीं विश्व में सिर्फ तीन अन्य देश भारत से पहले यह कारनामा कर चुके हैं। इनमें इंग्लैंड, वेस्ट इंडीज और दक्षिण अफ्रीका की टीम शामिल है।
राहुल की अगुआई में
तैयार हुए युवा
भारतीय टीम की आस्ट्रेलिया में मिली जीत में युवाओं का अहम योगदान रहा और इन युवाओं को तैयार करने में भारत के पूर्व बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंडर-19 टीम के कोच रहते हुए उन्होंने गिल और पृथ्वी साव को तैयार किया तो नए सीबी में मेंटर बनने के बाद राहुल ने भारत ‘ए’ टीम के खिलाड़ियों को गुर सिखाए।
इन्हीं में से मोहम्मद सिराज, शार्दुल ठाकुर, वाशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों ने आस्ट्रेलिया में धमाल मचाया। सिराज ने तो तीन मैच में 13 विकेट लिए वहीं गिल ने अंतिम मैच में 91 रन शानदार पारी खेलकर भारत के लिए जीत की नींव रखी। गिल ने अंडर19- विश्व कप में भी शानदार पारी खेली थी।
मुख्य खिलाड़ियों के चोटिल होने से मिली जगह
भारत का यह आस्ट्रेलिया दौरा कई मायने में इतिहास में दर्ज हो गया। इस दौरे पर पांच खिलाड़ियों ने टैस्ट पदार्पण किया। इन सभी खिलाड़ियों को मुख्य खिलाड़ी के चोटिल होने के बाद मौका मिला। शुभमन गिल को पृथ्वी साव की जगह टीम में रखा गया तो वहीं सिराज को मोहम्मद शमी के चोटिल होने के बाद टीम में जगह मिली। नवदीप सैनी को उमेश यादव की जगह टीम में खेलने का मौका मिला।
अनुभवी रविचंद्र अश्विन की जगह टीम में वाशिंगटन सुंदर को मौका मिला। नेट गेंदबाज के तौर पर आस्ट्रेलिया पहुंचे टी नटराजन ने तो रेकॉर्ड ही बना दिया। उन्होंने एक दौरे पर क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में पदार्पण किया। ऐसा करने वाले वे भारत के पहले खिलाड़ी हैं।