What is Waqf Act: केंद्र की मोदी सरकार वक्फ बोर्ड अधिनियम में बड़ा संशोधन करने जा रही है। इसे लेकर जल्द की संसद में एक बिल लाया जा सकता है। केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले दिनों की वक्फ बोर्ड से संबंधित 40 संशोधनों को मंजूरी दी थी। दावा किया जा रहा है कि नए संशोधनों के बाद वक्फ बोर्ड की शक्तियां कम हो सकती हैं। सूत्रों का कहना है कि लंबे समय से वक्फ बोर्ड पर कांग्रेस द्वारा वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधनों के बाद भू-माफिया की तरह काम करने, व्यक्तिगत भूमि, सरकारी भूमि, मंदिर की भूमि और गुरुद्वारों सहित विभिन्न प्रकार की संपत्तियों को जब्त करने का आरोप लगाया गया है।

वक्फ बोर्ड क्या है?

वक्फ का मतलब ‘अल्लाह के नाम’ से होता है। इस्लाम में इसका मतलब विशेष रूप से धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए समर्पित संपत्ति से है। वक्फ उस जायदाद को कहते हैं, जो इस्लाम को मानने वाले दान करते हैं। ये चल-अचल दोनों तरह की हो सकती है। ये दौलत वक्फ बोर्ड के तहत आती है। इनमें मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान, ईदगाह और मजार शामिल हैं। वक्फ बोर्ड भी दो तरह का होता है। पहला सुन्नी वक्फ बोर्ड और दूसरा शिया वक्फ बोर्ड।

कब बना था वक्फ बोर्ड एक्ट?

भारत में पहली बार वक्फ बोर्ड अधिनियम 1954 में बना था। हालांकि बाद में इसे निरस्त कर दिया गया। 1964 में केंद्रीय वक्फ परिषद का गठन किया गया, जो अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन था। इसका काम वक्फ बोर्ड से संबंधित कामकाज के बारे में केंद्र को सलाह देना होता है। 1991 में बाबरी विध्वंस की भरपाई के लिए 1995 में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार के दौरान इसमें बदलाव किया गया। इसमें वक्फ बोर्ड को जमीन अधिग्रहण के असीमित अधिकार दे दिए। इसके बाद 2013 में भी इसमें सबसे अहम बदलाव किया गया। इसमें वक्फ बोर्ड के पास मुस्लिम दान के नाम पर संपत्ति का दावा करने के असीमित अधिकार दिए गए।

कैसे काम करता है वक्फ बोर्ड?

वक्फ बोर्ड में एक सर्वेयर होता है। इसमें वही तय करता है कि कौन सी संपत्ति वक्फ बोर्ड की है। इसे तीन आधार पर तय किया जाता है। अगर किसी ने अपनी संपत्ति वक्फ बोर्ड के नाम कर दी है। दूसरा अगर कोई मुसलमान या मुस्लिम संस्था जमीन की लंबे समय से इस्तेमाल कर रहा है या फिर सर्वे में जमीन का वक्फ की संपत्ति होना साबित हुआ। वक्फ बोर्ड देशभर में जहां भी कब्रिस्तान की घेरेबंदी करवाता है, उसके आसपास की जमीन को भी अपनी संपत्ति करार दे देता है। इन मजारों और आसपास की जमीनों पर वक्फ बोर्ड का कब्जा हो जाता है। ‘एक बार वक्फ, हमेशा एक वक्फ’ का सिद्धांत यहां लागू होता है, यानि- एक बार जब किसी संपत्ति को वक्फ घोषित कर दिया जाता है, तो वह हमेशा वैसी ही रहती है। वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करने के लिए प्रत्येक राज्य में एक वक्फ बोर्ड का गठन किया गया है। देश में एक सेंट्रल वक्फ बोर्ड और 32 स्टेट बोर्ड हैं। केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री सेंट्रल वक्फ बोर्ड का पदेन अध्यक्ष होता है।

वक्फ बोर्ड के पास देश में कितनी जमीन?

आंकड़ों के मुताबिक देश में वक्फ बोर्ड के पास 8 लाख एकड़ से अधिक जमीन बताई जाती है। वक्फ एसेट मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के आंकड़े बताते हैं कि देश में वक्फ के पास 8 लाख 72 हजार 321 अचल, 16 हजार 713 चल, संपत्तियां हैं। इनमें सबसे पहला नाम उत्तर प्रदेश का है। दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल और तीसरे स्थान पर पंजाब है। वक्त में पिछले 15 साल में संपत्तियां दोगुने से अधिक हो गई हैं। सशस्त्र बलों और रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड के पास ही देश में सबसे अधिक संपत्ति है।

किस राज्य में वक्फ की कितनी संपत्ति?

अंडमान एंड निकोबार वक्फ बोर्ड- 151
आंध्र प्रदेश स्टेट वक्फ बोर्ड- 14685
असम बोर्ड ऑफ वक्फ- 2654
बिहार स्टेट (शिया) वक्फ बोर्ड- 1750
बिहार स्टेट (सुन्नी) वक्फ बोर्ड- 6866
चंडीगढ़ वक्फ बोर्ड- 34
छत्तीसगढ़ स्टेट वक्फ बोर्ड- 4230
दादरा एंड नगर हवेली वक्फ बोर्ड- 30
दिल्ली वक्फ बोर्ड- 1047
गुजरात स्टेट वक्फ बोर्ड- 39940
हरियाणा वक्फ बोर्ड- 23267
हिमाचल वक्फ बोर्ड- 5343
जम्मू एंड कश्मीर औकफ बोर्ड- 32533
झारखंड स्टेट (सुन्नी) वक्फ बोर्ड- 698
कर्नाटक स्टेट बोर्ड ऑफ औकफ- 62830
केरल स्टेट वक्फ बोर्ड- 53279
लक्षद्वीप स्टेट वक्फ बोर्ड- 896
मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड- 33472
महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ वक्फ- 36701
मणिपुर स्टेट वक्फ बोर्ड- 987
मेघालय स्टेट बोर्ड ऑफ वक्फ- 58
ओडिशा बोर्ड ऑफ वक्फ्स- 10314
पुडुचेरी स्टेट वक्फ बोर्ड- 693
पंजाब वक्फ बोर्ड- 75965
राजस्थान बोर्ड ऑफ मुस्लिम वक्फ्स- 30895
तमिलनाडु वक्फ बोर्ड- 66092
तेलंगाना स्टेट वक्फ बोर्ड- 45682
त्रिपुरा बोर्ड ऑफ वक्फ्स- 2814
यूपी शिया सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ- 15386
यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ऑफ वक्फ- 217161
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड- 5388
पश्चिम बंगाल वक्फ बोर्ड- 80480
कुल- 8 लाख 72 हजार 321