ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के दिल्ली और मुंबई स्थित ऑफिस पर मंगलवार को आयकर विभाग (Income Tax Department) ने छापेमारी की। दोनों ऑफिस में छापेमारी अब भी जारी है। टीम कई दस्तावेजों के अलावा कंप्यूटर की जांच कर रही है। सरकार ने साफ कर दिया है कि आयकर विभाग की ओर से बीबीसी का सर्वे किया जा रहा है। यह छापेमारी से कुछ अलग होता है। सूत्रों के मुताबिक बीबीसी पर आरोप है कि उसने ट्रांसफर प्राइसिंग रूल्स (Transfer Pricing Rules) का पालन नहीं किया है। आखिर यह क्या होता है? इसके बारे में विस्तार से समझते हैं।
क्या होता है ट्रांसफर प्राइसिंग
एक पक्ष कीमत के लिए किसी अन्य पक्ष को सामान या सेवाएं स्थानांतरित कर सकता है, जिसे “स्थानांतरण मूल्य” के रूप में जाना जाता है। इस प्रक्रिया में एक ही कंपनी की अलग-अलग डिवीजन एक दूसरे के बीच तब वस्तु या सेवा की खरीद बिक्री करते हैं तो उसे ट्रांसफर प्राइसिंग कहा जाता है। आसान भाषा में समझें तो दोनों डिवीजन के बीच पैसे के बजाए भुगतान के लिए सेवा या किसी वस्तु का ट्रांसफर किया जाता है तो उसे ट्रांसफर प्राइसिंग कहा जाता है।
ट्रांसफर प्राइसिंग कैसे काम करती है?
एक उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि एक कंपनी A 100 रुपये में सामान खरीदती है और इसे अपनी ही दूसरी कंपनी B को 200 रुपये में दूसरे देश में बेचती है, जो खुले बाजार में उसे 400 रुपये में बेचती है। अगर A कंपनी उस वस्तु के सीधे बाजार में बेचती तो उसे 300 रुपये का लाभ होता लेकिन B कंपनी के माध्यम से रूट करके, इसने A कंपनी के लाभ को 100 रुपये तक सीमित कर दिया।
बीबीसी के मामले में क्या आरोप
सूत्रों के मुताबिक बीबीसी आयकर विभाग के नियमों का पालन नहीं कर रहा है। इससे विभाग को टैक्स चोरी की आशंका है। इसी को लेकर सर्वे किया जा रहा है। ट्रांसफर प्राइसिंग रूल में किसी कंपनी या इनटिटी को सहायक कंपनियों या सहयोगी कंपनियों को दे दिया जाता है। ऐसा अक्सर टैक्स बचाने के लिए किया जाता है। इसमें किस देश में किसी वस्तु का टैक्स कम होता है तो उसे दूसरी कंपनी को ट्रांसफर कर दिया जाता है। आयकर विभाग इस सर्वे में इसी की जांच कर रहा है।