बिहार और दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद होने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को मोदी-शाह की जोड़ी के लिए सबसे बड़ी परीक्षा माना जा रहा है। वैसे तो सभी राज्यों में मुकाबला बेहद कड़ा है, लेकिन पश्चिम बंगाल, असम और केरल में चुनौती बेहद कठिन है। इन तीनों राज्यों में जम्मू-कश्मीर के बाद सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी है। असम में 34 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है, जबकि पश्चिम बंगाल और केरल में 27 प्रतिशत लोग इस्लाम को मानने वाले हैं। ये तीनों राज्य वैसे भी लेफ्ट, टीएमसी और कांग्रेस के गढ़ रहे हैं। बीजेपी इस बार तीनों जगह बड़े स्तर पर प्रयास कर रही है। लेकिन मुस्लिम वोटर्स उसकी राह का बड़ा रोड़ा बन सकते हैं।
आइए डालते हैं कुछ रोचक आंकड़ों, पिछले विधानसभा चुनाव के वोटिंग ट्रेंड और इन राज्यों के अहम मुद्दों पर एक नजर…
केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) मुस्लिमों के सबसे बड़े रहनुमा के तौर पर काम करती है। इसकी स्थापना 1948 में हुई थी। IUML सालों से कांग्रेस के नेतृत्व वाले UDF को समर्थन देती आई है। विवादित ढांचे के विध्वंस के बाद वक्त भी IUML ने अपना समर्थन वापस नहीं लिया था।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक से पैदा होने वाला खतरा केरल में बीजेपी के लिए बहुत चिंताजनक इसलिए नहीं है, क्योंकि यहां उसका जनाधार ज्यादा नहीं है।
केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद विकास के मुद्दे का प्रभाव यहां दिख रहा है। ऐसे में कांग्रेस पर IUML का आंख मूंदकर भरोसा के प्रति भी नाराजगी पनप रही है।
लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) ने उत्तरी केरल के स्थित मुस्लिम इलाकों में पकड़ मजबूत की है।
केरल में कुल मुस्लिम आबादी- 27 प्रतिशत
– मल्लापुरम क्षेत्र में सबसे ज्यादा 70 प्रतिशत
– मल्लापुरम क्षेत्र की 16 सीटों में से 14 यूडीएफ के और एलडीएफ का विधायक
– कोझीकोड क्षेत्र में 39 फीसदी मुस्लिम
– कोझीकोड क्षेत्र की 13 विधानसभा सीटों में से 3 यूएडीएफ और 9 एलडीएफ के विधायक
– कासरगोड क्षेत्र में 37 प्रतिशत मुस्लिम आबादी
– कासरगोड क्षेत्र की 5 विधानसभा सीटों में से यूडीएफ के 2 और एलडीएफ के 3 विधायक
– कन्नूर क्षेत्र में 29 प्रतिशत मुस्लिम आबादी
– कन्नूर क्षेत्र की 11 विधानसभा सीटों में 4 यूडीएफ और 7 एलडीएफ के विधायक
– पलक्कड़ क्षेत्र में 29 प्रतिशत मुस्लिम आबादी
– पलक्कड़ क्षेत्र की 12 विधानसभा सीटों में यूडीएफ के 5 और एलडीएफ के 7 विधायक
असम में कुल मुस्लिम आबादी 34 प्रतिशत
– बारपेटा, करीमगंज, मोरीगांव, बोंगईगांव, नागांव, ढुबरी, हैलाकंडी, गोलपारा और डारंग 9 मुस्लिम बहुल आबादी वाले जिले हैं
– इन 9 जिलों में कुल 53 सीटे विधानसभा सीटें हैं
– मुस्लिम बहुल आबादी वाले 9 जिलों के 39 विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी 35 प्रतिशत से ज्यादा है, जबकि अन्य 14 विस क्षेत्रों में यह प्रतिशत 25-30 प्रतिशत है
– 2011 विस चुनाव में इन 39 सीटों में से 18 कांग्रेस ने जीती थीं, जबकि AIUDF ने 16 सीटें जीती थीं
– 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में 61.1 हिंदू, 34 प्रतिशत मुस्लिम, 12 प्रतिशत बोडो और 3.7 प्रतिशत क्रिश्चियन हैं
क्या हैं चुनावी मुद्दे
– राज्य में अवैध तौर से रह रहे बांग्लादेशियों का मुद्दा बेहद अहम है
– चुनाव में कांग्रेस के सीएम तरुण गोगोई और प्रमुख मुस्लिम नेता बदरुद्दीन के साथ बीजेपी भी इस मुद्दे को चुनाव जोरदार तरीके से उठाएगी
– राज्य में असमी बोलने वाले लोगों की संख्या कम हुई है। 2001 में 48.8% लोग असमी बोलते थे, जबकि अब इनकी संख्या घटकर 47% रह गई है
– AIUDF राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी है, जिसने 2011 विधानसभा चुनाव में 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी
– AIUDF ने 2011 में 77 सीटों पर चुनाव लड़ा था
पश्चिम बंगाल में कुल मुस्लिम आबादी 27 प्रतिशत
– राज्य की कुल 294 विधानसभा सीटों में से 85 विस क्षेत्रों में 30 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम आबादी है
– मुर्शिदाबाद में 66.3 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। इस क्षेत्र में अंतर्गत करीब 22 विधानसभा सीटें आती हैं
– 2011 विधानसभा चुनाव में मुर्शिदाबाद इलाके में कांग्रेस ने 14, लेफ्ट ने 6 और टीएमसी ने 1 सीट पर जीत दर्ज की थी
– मालदा क्षेत्र में 12 विधानसभा सीटें आती हैं और यहां मुस्लिम आबादी 51.3 प्रतिशत है
– मालदा क्षेत्र में पिछले विस चुनाव में कांग्रेस ने 8, लेफ्ट ने 3 और टीएमसी ने 1 सीट पर जीत दर्ज की थी
– उत्तर दीनापुर क्षेत्र में मुस्लिम आबादी 49.9 प्रतिशत है। इस रीजन में 9 विधानसभा सीटें आती हैं
– पिछले विस चुनाव में दीनापुर क्षेत्र में कांग्रेस 3, लेफ्ट 3 और टीएमसी 2 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही थीं
– बीरभूम में मुस्लिम आबादी 37.1 प्रतिशत है। इस क्षेत्र में 11 विधानसभा सीटें हैं
– 2011 विस चुनाव के दौरान बीरभूम रीजन में कांग्रेस ने 2, लेफ्ट ने 3, टीएमसी ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी
– दक्षिण 24 परगना में मुस्लिम आबादी 35.6 प्रतिशत है। इस क्षेत्र में 31 विधानसभा सीटें आती हैं
– दक्षिण 24 परगना में टीएमसी ने पिछले विधानसभा चुनाव में 26 सीटें जीती थीं, जबकि लेफ्ट 5 सीटें जीतने में सफल रहे थे