व्यापमं घोटाले की एक आरोपी और एमबीबीएस की छात्रा नम्रता डामोर की तीन साल पहले हुई मौत का रहस्य उसके शव की पोस्टमार्टम (पीएम) रिपोर्ट सार्वजनिक होने के साथ और गहरा गया है, जिसमें मौत का कारण ‘‘हिंसक रूप से दम घुटना’’ बताया गया है जिसे रिपोर्ट में मानव वध के रूप में अंकित किया गया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट, जिसकी प्रतिलिपि ‘भाषा’ के पास उपलब्ध है, 9 जनवरी 2012 की है, जिस पर डॉ. बी बी पुरोहित (फॉरेंसिक मेडिसिन), डॉ. ओ पी गुप्ता (चिकित्सा अधिकारी) एवं डॉ. अनिता जोशी (स्त्री रोग विशेषज्ञ) के हस्ताक्षर हैं।

रिपोर्ट में मृत्यु से पहले ‘यौन संसर्ग’ की संभावना खारिज करने के लिए ‘हिस्टोपैथालॉजिकल’ परीक्षण की सलाह दी गई थी। यह पोस्टमार्टम उज्जैन जिला अस्पताल में किया गया था और नम्रता का शव पुलिस थाना क्षेत्र में रेल पटरियों के समीप पाया गया था ।

नम्रता के शव का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के दल के सदस्य डॉ. पुरोहित ने बताया कि संक्षिप्त पीएम रिपोर्ट (पोस्टमार्टम) और विस्तृत पीएम रिपोर्ट में हमने कहीं भी उसके द्वारा आत्महत्या की बात नहीं लिखी थी। जिस समय यह शव पोस्टमार्टम के लिए लाया गया था, तब तक उसकी शिनाख्त नहीं हुई थी। शव के चेहरे पर तीन जगह नाखून से चोट के निशान थे।

इस बीच, उज्जैन के पुलिस अधीक्षक (एसपी) मनोहर सिंह वर्मा ने बताया, ‘‘नम्रता डामोर की मौत की फिर से जांच कराने के आदेश दिये गये हैं। तराना के पुलिस अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओपी) आर के शर्मा इस मामले की जांच करेंगे’’।

एसपी ने बताया कि पुलिस ने पहले इस मामले में ‘हत्या’ का प्रकरण दर्ज किया था। लेकिन बाद में इसे ‘दुर्घटना’ करार देकर प्रकरण को बंद कर दिया गया था।

नम्रता इन्दौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय (एमजीएम) की छात्रा थी और यह संदेह था कि उसने व्यापमं में प्रवेश कराने वाले गिरोह की मदद से मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया था।

यह मामला पुन: तब सामने आया जब टीवी पत्रकार अक्षय सिंह हाल ही में नम्रता के झाबुआ जिले के मेधनगर स्थित निवास पर उसके पिता का इंटरव्यू लेने पहुंचे थे, जहां सिंह की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई।