वृंदावन में बन रहे दुनिया के सबसे बड़े मंदिर यानी ‘चंद्रोदय मंदिर’ की नींव दुबई के मशहूर बुर्ज खलीफा से भी गहरी होगी। इस बात की जानकारी मंदिर के एक अधिकारी द्वारा दी गई है। प्रोजेक्ट के डॉयरेक्टर और सीनियर वाइस प्रेजिडेंट नरसिम्हा राव ने बताया कि मंदिर की नींव बुर्ज खलीफा से पांच मीटर गहरी होगी। नरसिम्हा राव ने कहा, ‘बुर्ज खलीफा की नींव 50 मीटर है। वहीं मंदिर की नींव 55 मीटर की होगी। नींव में कुल 511 कॉलम होंगे। अगले साल के मार्च तक सभी कॉलमों का काम पूरा कर लिया जाएगा।’ उन्होंने आगे बताया, ‘नींव के 140 कॉलम पूरे कर लिए गए हैं। बाकियों का काम जारी है।’

यह मंदिर कई वजहों से अपने आप में खास है। जिसमें इसकी लंबाई, जंगल और थीम पार्क शामिल है। दास ने आगे बताया, ‘थीम पार्क में राइड, एनिमेट्रोनिक्स, लाइट, साउंड स्पेशल इफेक्ट जैसी चीजें होंगी। इसके साथ ही वज्र मंडल परिक्रमा के भी शो होंगे। उसमें लेजर लाइट शो, कृष्ण की विभिन्न लीलाएं, वह भी जंगलों में होंगी।’ इस मंदिर का निर्माण अंतरर्राष्ट्रीय कृष्ण भावामृत संघ (इस्कान) कर रहा है। मंदिर का निर्माण पूर्ण रूप से पौराणिक कृष्ण के वृंदावन की कल्पना को साकार करेगा।

लिफ्ट कराएगी ब्रह्मांड की सैर
लिफ्ट को कुछ इस प्रकार बनाया जाएगा जिससे गुजरने पर यह वैदिक साहित्य में वर्णित ब्रह्मांड में विचरण जैसा आभास होगा। इसके लिए तीन आयामी (थ्री डी) ध्वनियां और प्रकाशीय व्यवस्था होगी। इन प्रणालियों के जरिए अलग अलग ग्रह के भ्रमण सा आभास होगा। सबसे अंत में लिफ्ट 700 फीट की ऊंचाई से संपूर्ण बृज मंडल दिखाया जाएगा। इसके चारों ओर फलदार वृक्षों से वन निर्मित किए जाएंगें। ये वन करीब 26 एकड़ में फैले होंगे। खास बात ये है कि वन निर्माण में ब्रज के 12 वन क्षेत्र (द्वादश कानन) शामिल होंगें।
स्वप्न नगरी सा बसाने का होगा प्रयास
मंदिर के वन क्षेत्र को कुछ वैसा ही बनाने का प्रयास किया जाएगा जैसा विवरण कृष्ण साहित्य में मिलता है। पूरी तरह से तैयार होने के बाद यह मंदिर कृष्ण भक्तों की वृंदावन की कल्पना को पूरी तरह से साकार करेगा। वन क्षेत्र में औषधीय वनस्पति की विभिन्न किस्में लगाई जाएंगी। फलदार वृक्षों के अलावा ऐसे पेड़ भी लगाए जाएंगे जो पक्षियों के आकर्षित करेंगे। करलव और स्तुतिगान से यह क्षेत्र गुंजित होगा। फूलों से लदी लताओं की बीच जाने वालों को ऐसा लगेगा मानो कृष्ण कहीं आस-पास ही रास में मग्न हैं। वनों के अलावा साफ जल वाले तालाब, तालाब में कमल और कुमुद के फूल होंगे। यहां चारों और कृत्रिम पहाड़ियां और झरने भी बनाए जाएंगे।