नई दिल्ली। विशाखापत्तनम के तट पर टारपीडो रिकवरी वेसल (टीआरवी) के डूबने की हाल की घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल आर के धवन ने कहा कि बल इतनी जल्दी नये प्लेटफार्म शामिल नहीं कर सकती जितनी जल्दी वह चाहती है।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि छह नवंबर को पोत के डूबने की घटना में लापता चार नौसेना कर्मियों के मिलने की संभावना क्षीण है लेकिन खोज का काम 13 नवंबर तक चलेगा। इस दुर्घटना में एक नौसैनिक की मौत हो गई थी।
धवन ने साउथ ब्लाक के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमें यह बात समझनी होगी कि यह बल की क्षमता से जुड़ा विषय है। पोत का जीवन 25..30 वर्ष होता है जो इसकी किस्म पर निर्भर करता है। इसलिए नौसेना में किसी भी समय 50 प्रतिशत नौसेना क्षमता 20 वर्ष से अधिक पुरानी होगी।’’
नौसेना प्रमुख से पूछा गया था कि क्या नौसेना को रखरखाव के मुददों का सामना करना पड़ रहा है या उन्नयन की जरूरत है। नौसेना में कई दुर्घटनाओं के बाद तत्कालीन नौसेना प्रमुख के इस्तीफे के बाद धवन ने इस वर्ष कार्यभर संभाला था।
पुराने प्लेटफार्मो के रखरखाव में नौसेना को गर्व की अनुभूति होने का जिक्र करते हुए धवन ने कहा, ‘‘ चूंकी हम काफी तेजी से प्लेटफार्मो को शामिल नहीं कर सकते, हम प्रत्येक प्लेटफार्म का किफायती ढंग से उपयोग करना चाहते हैं और यह देखते हैं कि इनका जीवन कितना बढ़ सकता है। यहां मरम्मत का विषय आता है।’’
हाल ही में डूबने वाले टीआरवी पोत को 1983 में शामिल किया गया था और इसके बाद से 27 बार इसकी मरम्मत की गई जिसमें पिछले वर्ष बड़ा और इस वर्ष प्रारंभ में छोटा मरम्मत कार्य शामिल है।
नौसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘ हम नया प्लेटफार्म शामिल करना चाहते हैं लेकिन कई बार देरी होती है और इस विलंब को देखते हुए हमें इनकी सेवा अवधि में विस्तार करना होता है। यह स्थिति टीआरवी 72 के संबंध में भी है।’’
धवन ने कहा कि चूंकी पोत में पिछले वर्ष बड़ा मरम्मत और इस वर्ष प्रारंभ में छोटा मरम्मत कार्य किया गया। ‘‘ अब हमें इसे देखना होगा और इसके विस्तार में जाना होगा कि किस प्रकार की विफलता के कारण पोत डूबा।’’
धवन ने कहा कि इस दुर्घटना में लापता चार नौसेनाकर्मियों की तलाश जारी है, हालांकि इनके मिलने की संभावना काफी कम है।
उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन निश्चित तौर पर प्रक्रिया के तहत नौसेना के जहाज, विमान और हेलीकाप्टर सात दिन 13 नवंबर तक खोज का कार्य जारी रखेंगे।’’
नौसेना प्रमुख ने पोत के डूबने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण घटना’ करार देते हुए कहा कि इसे काफी गंभीरता से लिया जायेगा।
कल विशाखापत्तन के दौरे पर नौसेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने चालक दल से बात की और नौसेना के पूर्वी कमान के कमांडर से मुलाकात की और घटना का पूरा ब्यौरा लिया।
धवन ने कहा, ‘‘ पानी अंदर घुसना क्यों नहीं नियंत्रित किया जा सका, यह गंभीर चिंता का विषय है और इसकी पूरी जांच की जायेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम विस्तार में इसे देखेंगे और इनकी कमियों का पता लगायेंगे कि यह उपकरण की विफलता थी या रखरखाव से जुड़ा मसला था।’’
बहरहाल, स्वीडन के नौसेना प्रमुख रियर एडमिरल जान थनक्विस्ट का स्वागत करते हुए धवन ने कहा कि उनकी यात्रा से दोनों देशों में सहयोग के क्षेत्र में नया आयाम खुलेगा क्योंकि दोनों बलों की साझा सुरक्षा चिंताएं हैं।