Manipur Violence Updates: मणिपुर में 3 मई 2023 को शुरू हुई हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। हिंसा की ताज़ा खबर थौबल जिले से आ रही है जहां मंगलवार (4 जुलाई) को भीड़ ने कथित तौर पर इंडियन रिजर्व फोर्स (IRB) के एक कैंप को निशाना बनाया, भीड़ ने कैंप से हथियार गोला-बारूद लूटने की कोशिश की और तोड़फोड़ भी की है। उत्तेजित भीड़ को रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने कड़ी कार्रवाई करते हुए हवाई फायरिंग की, जिसमें 27 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई है।
Manipur Violence Updates: नहीं थम रही हिंसा, ताज़ा मामला क्या है?
मणिपुर में हिंसा को थामने के लिए केंद्र सरकार ने अलग-अलग प्रयास किए हैं लेकिन फिलहाल हालात बहुत बेहतर नज़र नहीं आ रहे हैं। जहां कांग्रेस हिंसा को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है वहीं मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा देने से इनकार करते हुए हालात को जल्द काबू में करने लेने की बात कही है। लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। थौबल जिले में हुई हिंसा इसका ताज़ा उदाहरण है। जहां इंडियन रिजर्व फोर्स (IRB) का कैंप भी भी हिंसा की चपेट में आ गया है। सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ से निपटने के प्रयास करते हुए फायरिंग की और इसमें एक शख्स की जान चली गई। असम राइफल्स के एक जवान को भी पैर में गोली लगी है। गुस्साई भीड़ ने सेना की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया।
सेना के बयान में कहा गया है कि इंडियन रिजर्व फोर्स (IRB) के कैंप को निशाना बनाने का प्रयास किया गया था। जहां से भीड़ हथियार लूटने के प्रयास में थी। लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और इस दौरान एक शख्स की गोली लगने से मौत हो गई।
Manipur Violence Updates: क्यों भड़क रही है हिंसा?
मणिपुर में हिंसा की शुरुआत बुधवार (3 मई) को हुई थी, जब ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (ATSUM) ने मार्च का ऐलान किया था। यह मार्च मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की लंबे समय से चली आ रही मांग के विरोध में था। जिसे पिछले महीने मणिपुर उच्च न्यायालय के एक आदेश से बढ़ावा मिला था।
मणिपुर उच्च न्यायालय एकल न्यायाधीश द्वारा पारित मांग और आदेश दोनों का राज्य के आदिवासी समुदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूहों द्वारा कड़ा विरोध किया गया है। 14 अप्रैल को जारी अदालत के आदेश में सरकार से मांग पर विचार करने को कहा गया है। इसके बाद कई आदिवासी समूह इसके खिलाफ आ खड़े हुए हैं।