12367 विक्रमशिला सुपरफास्ट ट्रेन की बोगी बी-2और ए-1 का एसी खराब होने के बावजूद भागलपुर स्टेशन से आनंदविहार के लिए शुक्रवार 18 अक्तूबर को रवाना कर दी गई। मुसाफिरों की पीड़ा पटना तक किसी ने नहीं सुनी। पंडित दीनदयाल स्टेशन पर भी इसमें सुधार नहीं हुआ और ट्रेन यहां से भी रवाना जैसे-तैसे कर दी गई । तो मुसाफिरों के सब्र का बांध टूट गया। और हंगामा करने लगे। आधे घंटे ट्रेन खड़ी रही। फिर भी कोई निदान नहीं निकला।
बी-2 में सफर कर रहे महिलाओं के छोटे-छोटे बच्चे गर्मी से बिलख उठे। और चीख-चीखकर रोने लगे। ट्रेन में सफर कर रहे पत्रकार पीके गुप्ता ने बताया कि पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक को इस सिलसिले में सूचना दी गई। भागलपुर स्टेशन यार्ड से बगैर मेंटेनेंस के ट्रेन कैसे रवाना की गई। इतना ही नहीं ट्रेन के टेक्नीशियन कहीं छुपकर बैठ गए। मुसाफिरों ने उन्हें ढूंढकर लाया गया तो वे पल्ला झाड़ चल दिए। और मुसाफिरों को अपने हाल पर छोड़ दिया।
ट्रेन में सफर कर रहे भागलपुर के इंजीनियर रितेश ने बताया कि बी-2 में गर्मी से लोगों की हालत खराब है। दिलचस्प बात कि कई मुसाफिरों ने रेलमंत्री पीयूष गोयल को इसकी शिकायत की। जबाव में उन्हें शिकायत संख्या 2019101801076 दर्ज कर लेने का संदेश मिला। शिकायतकर्ता को लगा कि समस्या का निदान जल्द हो जाएगा। कम से कम आगे का सफर सुकून से गुजरेगा। रात को चैन से सो सकेंगे। मगर चंद मिनटों में ही भारतीय रेलवे की रेल मदद साइट से संदेश आया कि “आपकी शिकायत बंद कर दी गई है। कृपया आप अपनी फीडबैक इस साइट पर दें ।”
शिकायतकर्ता व दूसरे मुसाफिर इस संदेश से हैरत में है। और सोच में पड़े है कि अब शिकायत किसे की जाए। रेलवे की दुर्दशा शायद बेमिसाल है। मुसाफिर पैसे देकर परेशान व तबाह है। सवाल उठता है कि आखिर इनकी शिकायत व समस्या का निदान कौन करेगा?

