तेलंगाना के करीमनगर स्थित एक चाइल्ड केयर होम में बच्चों के साथ क्रूरता का एक वीडियो सामने आया है। शिशु गृह नाम के इस चाइल्ड केयर होम में बच्चे साथ बैठकर खाना खा रहे थे। इसी दौरान वहां तैनात कर्मचारी 45 वर्षीय बुचम्मा ने एक चम्मच चूल्हे पर गर्म किया और लाल होने के बाद दूसरी महिला स्टाफ पद्मजा के हाथ में पकड़ा दिया। पद्मजा तीन बच्चों को अपना खाना जल्दी खत्म करने के लिए थप्पड़ मार रही थीं। गर्म चम्मच हाथ में आते ही वह उससे बच्चों को दागने लगीं। रोने पर फिर दाग देने की धमकी दी। बच्चों का गुनाह सिर्फ इतना था कि वे धीरे-धीरे खा रहे थे। बुचम्मा और पद्मजा चाहती थीं कि बच्चे जल्दी खाना खत्म करें तो वे खुद भी खाकर जल्दी सोने चली जाएं।
Children sustain burn injuries after being tortured by caretaker of ‘Shishu Greh’ in Karimnagar (Telangana) pic.twitter.com/A1K05jfU6P
— ANI (@ANI_news) April 20, 2016
सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक घटना 15 अप्रैल रात 8 बजे की है। मामला चार दिन तक दबा रहा। जब तीनों बच्चों (एक लड़की और दो लड़के) ने स्टाफ नर्स को अपना हाथ जलने की कहानी बताई तो सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली गई। इसमें दो महिलाएं तीन बच्चों को गर्म चम्मच से दागती दिख रही हैं। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस इंस्पेक्टर एस हरि प्रसाद ने बताया, ‘शुरुआत में दोनों आरोपी महिलाएं कहती रहीं कि बच्चे गैस लाइटर से खेल रहे थे, तभी वे जल गए। लेकिन जब उन्हें सीसीटीवी फुटेज दिखाया गया तो उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उन्होंने बताया कि बच्चे खाना खाने में काफी समय लगा रहे थे। इसलिए उन्होंने बच्चों को डराने के लिए यह किया था।’
इंस्पेक्टर ने बताया कि बच्चे पांच साल से भी कम उम्र के हैं। वे काफी डरे हुए थे। कुछ वक्त साथ गुजारने के बाद सामान्य हुए और फिर कहानी सुनाई। महिलाएं चाह रही थीं कि बच्चे जल्दी खाना खत्म करें, ताकि वे खुद भी जल्दी सोने जा सकें। दोनों महिलाओं के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। जिलाधिकारी एम नीतू कुमार प्रसाद ने दोनों आरोपियों सहित तीन महिला कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। तीसरी महिला सीसीटीवी फुटेज में दिखाई नहीं दे रही है, लेकिन उसे घटना की जानकारी थी।
तेलंगाना के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित इस चाइल्ड केयर होम के इंचार्ज महेश रेड्डी ने बताया कि हम जांच कर रहे हैं कि बच्चों को किसी अन्य तरीके से तो परेशान नहीं किया जा रहा है।

