उत्तराखंड की राजधानी को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बड़ा ऐलान किया। अब इस राज्य की भी दो राजधानियां होंगी। सीएम रावत ने बजट सत्र के दौरान राज्य की समर कैपिटल (ग्रीष्मकालीन राजधानी) गैरसैंण को बनाया है।गैरसैंण को समर कैपिटल घोषित करने के बाद सीएम रावत समर्थकों के साथ जमकर नाचते नजर आए। न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो साझा किया है जिसमें वह चमोली जिले में समर्थकों संग थिरकते नजर आ रहे हैं।

इस वीडियो पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। सीएम रावत ने कहा, ‘यह गर्व का पल है। यह एक बहुत बड़ा फैसला है। मैं रात भर सो नहीं पाया और काफी सोच-विचार कर यह फैसला किया है। हमने 2017 के घोषणा पत्र में किए गए वायदे को पूरा किया है।’

रावत ने ट्वीट किया है,”गैरसैण के उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी होने की आज घोषणा की।मैं प्रदेश की मातृशक्ति को नमन करता हूँ जिन्होंने उत्तराखंड आंदोलन में युवाओं के सहयोग से बढ़चढ़ कर भाग लिया और इस निर्णय को प्रदेश निर्माण आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी शहीदों को समर्पित करता हूँ।”

पहले से ही रही है गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग: साल 2000 में उत्तराखंड उत्तर प्रदेश से अलग हो गया था और तब से ही गैरसैंण को प्रदेश का राजधानी बनाने की मांग की जा रही थी। देहरादून को राज्य की राजधानी बना लेकिन यह भी अस्थायी राजधानी के रूप में स्थापित किया गया। राज्य के जन्म के साथ वहां के लोगों की मांग थी कि राज्य की राजधानी भी पहाड़ में ही हो। गैरसैंण को राजधानी बनाने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन भी हुए।

बता दें कि गैरसैंण को राजधानी बनाने के लिए बाबा मोहन उत्तराखंडी 13 बार अनशन पर बैठे थे। बेनताल (आदिबदरी) में उनका आखिरी अनशन 38 दिन तक चला था जिसके बाद अगस्त 2004 में उनकी मौत हो गई थी।