देश के उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के अध्यक्ष वैंकेया नायडू ने गुरुवार (19 जुलाई) को केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह की खिंचाई कर दी। सदन में उन्होंने केंद्रीय मंत्री को ‘आई बेग टू’ कहने पर टोका और कहा, “हम (बीजेपी सरकार) एक साल पहले ही गुजारिश करना या भीख मांगना छोड़ चुके हैं। आप ढीले पड़ रहे हैं। आप याचक मत बनिए।” यह घटना तब हुई, जब सिंह मेज पर कुछ कागजात रखते हुए बोल रहे थे।

हुआ यूं कि सिंह अंतरिक्ष विभाग से जुड़े हुए कुछ दस्तावेज पेश कर रहे थे। वह बोले, “मैं गुजारिश करता हूं कि ये कागज…।” नायडू ने इसी बीच दखल देते हुए कहा, “हम एक साल पहले गुजारिश करना छोड़ चुके हैं। आप ढीले पड़ रहे हैं।”

उन्होंने सुझाव देते हुए आगे कहा, “सदस्य इसके बजाय यह कहें- मैं एक रिपोर्ट पेश करना चाहता हूं। उन्हें इसके लिए भीख मांगने की जरूरत नहीं है।” उपराष्ट्रपति के मुताबिक, आई बेग टू असंसदीय नहीं था, लेकिन वह उस बात भारतीयों के तरीके से कहना चाहते थे।

बीते साल राज्यसभा के अध्यक्ष की कुर्सी संभालने वाले नायडू ने मंत्रियों और सांसदों को सदन में दस्तावेज पेश करते हुए ‘बेग’ (गुजारिश) शब्द का इस्तेमाल करने से मना किया था। प्रचलन के अनुसार, बहुत सारे मंत्री और सांसद अपनी बात रखने के दौरान आई बेग टू का इस्तेमाल करते थे।

नायडू ने इससे पहले बुधवार (18 जुलाई) को बताया था कि सदन में सांसद कुल 22 भाषाओं में अपनी बात रख सकते हैं। पहले उन्हें 17 भाषाओं में अपनी बात रखने की सुविधा थी, जिसमें पांच नई भाषाएं और जोड़ी गई हैं। मॉनसून सत्र में सभापति की यह घोषणा मंत्रियों व सांसदों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं थी।