देश के निवर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने ये कहकर देश में राजनीतिक बवाल पैदा कर दिया है कि देश के मुस्लिम समुदाय के लोगों में इस वक्त बेचैनी का एहसास देखा जा सकता है और वे खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हामिद अंसारी ने ये बयान अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में एक टीवी इंटरव्यू में दिया है। लेकिन उनके इस बयान पर सोशल मीडिया में जोरदार प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। मुस्लिम समाज से जुड़े मुद्दों पर मुखर राय रखने वाले तारेक फतेह ने लिखा है कि आपने भारतीय मुसलमानों के लिए चीजें और भी खराब कर दी, आप पाकिस्तान जाकर क्यों नहीं रिटायर होते हैं।’ फिल्मकार अशोक पंडित ने लिखा है कि हामिद अंसारी ने आज साबित कर दिया है कि कांग्रेस ने कैसे लोगों को पाला और भारत विरोधी मानसिकता रखने वाले लोगों को ऐसे पद दिये। पत्रकार अंजना ओम कश्यप लिखती हैं कि माननीय अंपायर आज एक खिलाड़ी बन गये, बता दें कि राज्यसभा में अपने आखिरी संबोधन में हामिद अंसारी ने कहा था कि उपराष्ट्रपति का पद क्रिकेट में अंपायर के पोस्ट जैसा है, जहां आपको बिना खिलाड़ी बने खेल को निष्पक्ष भाव से देखना पड़ता है और फैसला देना पड़ता है। जुबैर अल्वी नाम के शख्स ने लिखा है कि यूं तो भारत में रहने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन जब हामिद अंसारी जैसे शख्स ऐसा बयान देते हैं तो हम सचमुच में असुरक्षित महसूस करते हैं।

एक यूजर ने गुजरात राज्यसभा चुनाव का जिक्र करते हुए लिखा है कि 44 हिन्दू विधायकों ने अहमद पटेल को राज्यसभा पंहुचाया, लेकिन हामिद अंसारी को मुस्लिम खतरे में नजर आ रहे हैं। एक यूजर ने लिखा है कि आप संविधान के संरक्षक थे, लेकिन आप के लिए राष्ट्र और संविधान का कोई मतलब नहीं है। आपके लिए धर्म और जाति ऊपर है। पत्रकार राणा अय्यूब ने लिखा है कि जब एक भूतपूर्व उपराष्ट्रपति ऐसा बयान देता है तो इसका बड़ा मतलब होता है। ट्वीटर पर सक्रिय शेफाली वैद्य ने लिखा है कि तो आज तक आप मुसलमानों के उपराष्ट्रपति थे।