विश्व हिंदू परिषद ने देश में जनसंख्या असंतुलन को ठीक करने के लिए एक समान कानून की शनिवार को मांग की और हिंदुओं से कहा कि वे मुसलिमों जितने बच्चे पैदा करें। विहिप ने यह मांग 2050 तक भारत में मुसलिमों की सबसे अधिक संख्या होने के अनुमानों की पृष्ठभूमि में की है।

विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने एक प्रेस कांफ्रेंस में आगाह किया कि ऐसा नहीं होने पर देश कश्मीर, पाकिस्तान या अफगानिस्तान जैसा बन जाएगा जहां मुसलिम बहुसंख्यक हैं। जैन की टिप्पणी विहिप के अंतरराष्ट्रीय महासचिव चम्पत राय की इस टिप्पणी के एक दिन बाद आई है कि हिंदुओं को यह सुनिश्चत करने के लिए एक से अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए कि भारत की जनसंख्या के स्वरूप में कोई असंतुलन नहीं आए।

जैन ने इस मुद्दे पर सवालों का जवाब देते हुए कहा- मैं हैरान हूं कि धर्मनिरपेक्षता के पक्षधर इस पर हंगामा क्यों कर रहे हैं। यह कतई महत्त्वपूर्ण नहीं है कि चम्पत राय ने यह कहा है या नहीं। किसी का भी ऐसा कहना गलत नहीं है। जो कहा जा रहा है वह किसके हवाले से कहा गया है, यह महत्त्वपूर्ण नहीं है। देश में हर कोई जनसंख्या के स्वरूप को लेकर चिंतित है।

उन्होंने कहा कि पूरा विश्व इस बयान से सहमत है। जैन ने कहा- जनसांख्यिकी असंतुलन को दूर करने के सिर्फ दो तरीके हैं। या तो हिंदू अपनी जनसंख्या बढ़ाएं या इस पर समान नागरिक संहिता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को धर्मनिरपेक्षता के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है। अगर किसी को इसमें सांप्रदायिकता दिखती है, तो वह खुद सबसे अधिक सांप्रदायिक है। मैं धर्मनिरपेक्षतावादियों से पूछना चाहता हूं कि क्या वे भारत को कश्मीर, पाकिस्तान या अफगानिस्तान बनाना चाहते हैं।

विहिप की यह टिप्पणी ‘प्यू रिसर्च सेंटर’ के एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के नतीजे के बाद आई है जिसमें कहा गया है कि भारत 2050 तक सबसे अधिक मुसलिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया को भी पीछे छोड़ देगा। जैन ने यह भी स्पष्ट किया कि राम मंदिर बाकायदा एजंडे पर है और सरकार से यह आग्रह किया कि वह उसके निर्माण के रास्ते में आने वाली बाधाओं को दूर करे। .

इस सवाल पर कि क्या अयोध्या मुद्दे को सुलझाने में सरकार की ओर से कोई शिथिलता है, जैन ने कहा- हिंदू राम मंदिर के मुद्दे पर किसी शिथिलता की इजाजत नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। सरकार को सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करना चाहिए कि वह इस मामले पर त्वरित आधार पर निर्णय करे। विहिप नेता ने इसके साथ ही कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार इस मुद्दे पर सही दिशा में काम कर रही है ताकि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में आने वाली बाधाएं दूर हों।

जनसंख्या असंतुलन के मुद्दे पर जोर देने के बारे में पूछे गए सवालों पर जैन ने कहा कि ब्रिटिश कानून निर्माताओं ने भी मांग की थी कि इसे सही किया जाना चाहिए। जैन ने कहा- अगर किसी को इस मांग (समान कानून) में सांप्रदायिकता दिखती है तो वह खुद बहुत सांप्रदायिक है। ऐसे लोगों को भारत छोड़कर पाकिस्तान चले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो भी भारत की पहचान के बारे में चिंतित है, वह जनसांख्यिकी असंतुलन को लेकर चिंतित है और दावा किया कि इस शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले महात्मा गांधी ने किया था। भाजपा सांसदों दिलीप गांधी, श्यामचरण गुप्ता और राम प्रसाद सरमा के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि तंबाकू और कैंसर के बीच कोई स्पष्ट सबूत नहीं है, जैन ने इसके लिए उनकी ज्ञान की कमी को जिम्मेदार ठहराया।

और कहा कि इन सांसदों को बयान देने से पहले अस्पताल का दौरा करके और विशेषज्ञों से मशविरा करके तथ्यों की जांच करनी चाहिए थी। उन्होंने हालांकि कहा कि इस मुद्दे पर विवाद बंद होना चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिगरेट के पैकेटों पर बड़ी स्वास्थ्य चेतावनियों का समर्थन किया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के बंगलुरु में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित नहीं करने और उनके और मोदी के बीच कथित मतभेद संबंधी सवाल पर जैन ने कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा- यह भाजपा का आंतरिक मामला है।