नौ और राज्यों ने केंद्र से ‘विशेष राज्य का दर्जा’ दिए जाने की मांग की है और इस सिलसिले में आंध्रप्रदेश के आग्रह का समर्थन किया है। यह बात केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कही। मंत्री ने कहा कि विशेष दर्जा ‘रामबाण नहीं है।’ बहरहाल, उन्होंने नौ अन्य राज्यों का नाम नहीं बताया जिन्होंने ये मांग उठाई है। नायडू ने अतुकुरू गांव में अपने परिवार के स्वर्ण भारत ट्रस्ट में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘आंध्रप्रदेश के लिए विशेष राज्य के दर्जे पर संसद में बहस के दौरान नौ राज्यों ने इसका समर्थन किया। लेकिन वे भी विशेष दर्जे की चाहत रखते हैं। इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस बारे में केंद्र को पत्र भी लिखा है।’
उन्होंने कहा, ‘निसंदेह विशेष दर्जा से कुछ लाभ मिलता है। लेकिन विशेष दर्जा कोई संजीवनी नहीं है, रामबाण नहीं है।’ आंध्रप्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने की मांग पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं के बाद ऊहापोह की स्थिति पैदा हो गई है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने (आंध्रप्रदेश के) मुख्यमंत्री को इस बारे में बताया है लेकिन मुख्यमंत्री चाहते हैं कि विशेष दर्जा पर जल्द से जल्द निर्णय किया जाए।’
वित्त आयोग ने आंध्रप्रदेश के बंटवारे के बाद राजस्व में कमी को ठीक करने के लिए कुछ प्रस्ताव दिए हैं। केंद्र उन पर गौर कर रहा है और जल्द ही कोई निर्णय किया जाएगा। बंटवारे और तेलंगाना के निर्माण के बाद से ही आंध्रप्रदेश विशेष दर्जा की मांग कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आंध्रप्रदेश का संपूर्ण विकास केंद्र के सहयोग से ही संभव है। उन्होंने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ पर केंद्र सरकार पूरे देश में ‘तिरंगा उत्सव’ मनाएगी।
उन्होंने कहा, ‘केंद्रीय मंत्री स्वतंत्रता सेनानियों के पैतृक गांवों का दौरा करेंगे और उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। पूरे देश में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा जबकि स्कूली बच्चों के लिए निबंध और फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। युवक सेवा विभाग मैराथन का आयोजन करेगा।’