Katra Bandh Vaishno Devi Ropeway Project: वैष्णो देवी में बनने जा रहे रोप वे प्रोजेक्ट को लेकर काफी विवाद चल रहा है। अब इस बीच कटरा में 72 घंटे के बंद का ऐलान कर दिया गया है, यह बंद कल यानी कि 25 दिसंबर से ही शुरू हो जाएगा। वैष्णो देवी संघर्ष समिति के प्रवक्ता ने एक जारी बयान में कहा है कि प्रशासन ना तो हमारी आपत्तियों को समझ रहा है और नाही जवाब दे रहा है।
वैष्णो देवी संघर्ष समिति के प्रवक्ता करण सिंह ने बोला कि एक मीटिंग दिसंबर 18 को हुई थी, कहा गया था कि जवाब मिलेगा, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं आया। अब तो प्रशासन बस टालने का काम कर रहा है। हमने तो काफी चिंतन किया था। अब तो प्रदर्शन करना भी हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है। वैसे इस समय एक नहीं कई व्यापारिक संगठन इस रोप वे प्रोजेक्ट का विरोध कर रहे हैं। तर्क दिया जा रहा है कि इससे कई लोगों का बिजनेस ठप हो सकता है।
श्रद्धालुओं के लिए सहुलियत, व्यापारी क्यों हो रहे नाराज?
वैष्णोदेवी कटरा रोप वे प्रोजेक्ट क्या है?
असल में अगर किसी श्रद्धालु को वैष्णो देवी मंदिर जाना होता है तो 6 से 7 घंटे का पैदल मार्च रहता है। मंदिर तक का रास्ता कुल 14 किलोमीटर का बताया जाता है। लेकिन अगर यह रोप वे प्रोजेक्ट बन जाता है तो सिर्फ 1 घंटे के अंदर में वैष्णो देवी मंदिर तक पहुंचा जा सकेगा। इस प्रोजेक्ट को बनाने में 300 करोड़ रुपये लग रहे हैं, इसे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत बनाया जा रहा है।
इस बारे में श्री माता वैष्णोदेवी श्रीन बोर्ड चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अंशुल गर्ग का कहना है कि रोप वे प्रोजेक्ट के बाद कटरा से सांझी छत तक की दूरी मात्र 6 मिनट की रह जाएगी। उसके बाद सिर्फ 30 से 35 मिनट चलकर मंदिर पहुंचा जा सकेगा। बताया जा रहा है कि 2026 तक इस रोप वे प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा, एक बार में 1000 श्रद्धालुओं को यह ले जा सकेगी।
प्रोजेक्ट का विरोध क्यों हो रहा है?
कटरा और बाणगंगा के दुकानदारों और होटल वालों ने इस रोप वे प्रोजेक्ट का सबसे ज्यादा विरोध किया है। उनके अलावा पिट्ठू का काम करने वाले लोग भी इस प्रोजेक्ट से नाराज बताए जा रहे हैं। वहीं इस बारे में कटरा व्यापार मंडल का कहना है कि छोटे व्यापारियों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। पीडीपी नेता और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी इन प्रदर्शन कर रहे लोगों से मुलाकात की है, उन्होंने एलजी से अपील की है कि वे इन लोगों की परेशानी को भी समझें।