Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी के सिल्क्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। सिल्क्यारा-बड़कोट निर्माणाधीन सुरंग में 260 मीटर अंदर फंसे 40 निर्माण श्रमिकों को निकालने का बचाव अभियान गुरुवार को पांचवें दिन में प्रवेश कर गया। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर सिल्क्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे ढह जाने से मजदूर फंस गए। इनमें से अधिकतर श्रमिक झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार और पश्चिम बंगाल से हैं।
आइए जानते हैं अब तक के बचाव अभियान के बारे में-
- बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए बुधवार को इंडियन एयर फोर्स सी-130जे विमान पर एक अत्याधुनिक ऑगर ड्रिलिंग मशीन को नई दिल्ली से उत्तरकाशी लाया गया।
- ‘अमेरिकन ऑगर’ मशीन से ढहे हुए हिस्से के मलबे को ड्रिल किया जाएगा। जिसने गुरुवार से अपना कार्य शुरू कर दिया।
- राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के अधिकारियों ने कहा है कि नई मशीन का उपयोग करके अब तक छह मीटर तक ड्रिलिंग की जा चुकी है।
- अधिकारियों ने कहा कि मलबे में मौजूद पत्थरों की वजह से वे समय सीमा का अंदाजा नहीं लगा सकते। एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशू मनीष खलको ने कहा कि ढीला मलबा बचाव प्रयासों में बाधा डाल रहा है।
- हालांकि खलको ने कहा था कि उन्हें अभी भी सब कुछ ठीकठाक होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “अगर हमें ढेर हुए मलबे में से 50-60 मीटर तक ड्रिल करना है, तो यह लगभग 12 घंटों में पूरा होने की उम्मीद है।”
- इससे पहले, बचाव अभियान में शामिल एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बुधवार को बताया कि सुरंग के अंदर मलबे को हटाने के लिए ड्रिल करने के लिए दिल्ली स्थित कंपनी द्वारा प्रदान की गई पिछली ऑगर मशीन अच्छी स्थिति में और उच्च गुणवत्ता वाली नहीं थी।
- केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री वीके सिंह ने गुरुवार को ऑपरेशन का जायजा लिया और कहा कि सरकार और उसकी सभी एजेंसियां दो से तीन दिनों के भीतर बचाव अभियान पूरा करने के लिए सभी प्रयास कर रही हैं।
- वीके सिंह ने उत्तरकाशी में मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार, उसकी सभी एजेंसियां और विशेषज्ञ हम सभी के प्रयासों का उद्देश्य श्रमिकों को जल्द से जल्द बचाना है। मैंने संबंधित अधिकारियों से बात की है और उनका मनोबल ऊंचा है।
- मंत्री ने यह भी कहा कि मजदूर मलबे में करीब 2 किलोमीटर की जगह में फंसे हुए है। उन्होंने कहा कि अधिकारी उन्हें पाइप के जरिए भोजन, पानी और ऑक्सीजन भेज रहे हैं।
- अधिकारियों के अनुसार, छह बेड्स वाली एक अस्थायी स्वास्थ्य सुविधा स्थापित की गई है और फंसे हुए श्रमिकों को निकालने के बाद तत्काल चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ 10 एम्बुलेंस सुरंग के बाहर तैनात हैं।