उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री हरीश रावत का स्टिंग ऑपरेशन करने वाले पत्रकार उमेश कुमार का कहना है कि उनका स्टिंग देश हित में हैं। विधायकों की खरीद फरोख्‍त को उजागर करने के लिए उन्‍होंने यह स्टिंग किया। उन्‍होंने कहा,’सीएम मुझ पर आय से अधिक संपत्ति का जो आरोप लगा रहे हैं वह निराधार है। मैं किसी भी जांच के तैयार हूं। मेरे पास तीन करोड़ रुपये की संपत्ति है। यदि सीएम साबित कर दे कि मेरे पास इससे ज्‍यादा संपत्ति या पैसे हैं तो मैं पूरी संपत्ति उन्‍हें दे दूंगा। मैं सीबीआई जांच का सामना करने को भी तैयार हूं।’ न्‍यूज चैनल समाचार प्‍लस के एडिटर इन चीफ ने यह स्टिंग 23 मार्च को देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट पर किया था। 22 मिनट के इस स्टिंग में हरीश रावत कथित तौर पर पैसों से विधायकों को खरीदने की बात कहते सुने गए हैं।

इस वीडियो को बागी कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत ने मीडिया के सामने जारी किया था। उमेश ने ही हरक‍ सिंह को यह वीडियो दिया था। इस वीडियो के सामने आने के बाद ही राज्‍यपाल केके पॉल ने राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी। हरीश रावत ने स्टिंग को फर्जी और बनावटी बताया था। उन्‍होंने कहा था कि वे उमेश कुमार की संपत्ति की जांच के लिए आदेश जारी करने को कहेंगे। उमेश कुमार ने अभी तक तीन बड़े स्टिंग किए हैं। इनमें हाइड्रो पावर स्‍कैम, सरकारी जमीन बिल्‍डर को देने और मंगलोर से बसपा विधायक करीम अंसारी का स्टिंग शामिल है। अंसारी के स्टिंग में वह राज्‍य सरकार को गिराने के बदले पैसे मांगते दिखाई दिए थे। उमेश कुमार ने राज्‍य सरकार के खिलाफ 2007 महाकुंभ को लेकर हाईकोर्ट में पीआर्इएल भी दाखिल कर रखी है। उमेश कुमार पर सितम्‍बर 2010 से जून 2011 के बीच 18 आपराधिक मामले भी दर्ज किए गए। इस बारे में उन्‍होंने बताया,’यह सभी मामले निराधार और झूठे थे। बाद में राज्‍य सरकार ने ही इन मामलों को वापस ले लिया।’

झगड़े और मारपीट के मामले में उमेश कुमार की गाजियाबाद स्थित संपत्ति को पुलिस ने अटैच कर लिया था। उमेश पर दर्ज 18 मामलों में से तीन विजय बहुगुणा सरकार ने वापस लिए जबकि बाकी के हरीश रावत के समय वापस लिए गए। उमेश ने दावा किया कि 2014 में जान के खतरे के चलते हरीश रावत सरकार ने उन्‍हें सुरक्षा भी मुहैया कराई थी। उमेश कुमार ने जून 2012 में समाचार प्‍लस चैनल की शुरुआत की थी। वर्तमान में समाचार प्‍लस के दो चैनल है एक उत्‍तराखंड-उत्‍तर प्रदेश के लिए जबकि दूसरा राजस्‍थान के लिए है।