उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में डेंगू के मामले बढ़ने पर डेंगू रोगियों को दवा खाने को लेकर सलाह दी है। रावत ने कहा कि डेंगू से पीड़ित व्यक्ति 500 एमजी के सामान्य डोज की जगह 650 एमजी पारासिटामोल लें। मालूम हो कि राज्य में डेंगू से प्रभावित मरीजों की संख्या 4800 पहुंच गई है।
मुख्यमंत्री राज्य में डेंगू के इस साल महामारी बनने संबंधी खबरों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने देहरादून में पत्रकारों से कहा कि राज्य में अभी डेंगू महामारी का रूप से लेने की स्थिति से दूर है। डेंगू मरीज बीमारी से राहत के लिए आराम करने के साथ ही 650 एमजी पारासिटामोल की खुराक लें।
इस बीच राज्य के स्वास्थ्य महानिदेशक आरके पांडे ने कहा कि बुधवार तक राज्य में डेंगू के 4800 रोगी सामने आए हैं। अधिकारी ने कहा कि इस बीमारी के अधिकतर मामले देहरादून में आए हैं। राजधानी में 3000 लोगों में डेंगू होने की पुष्टि हुई है। इसके बाद हल्द्वानी में डेंगू के 1100 मामले सामने आए हैं।
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दावा किया कि राज्य में डेंगू से अब तक सिर्फ 6 लोगों की ही जान गई है। इनमें से चार देहरादून और 2 मौतें हल्द्वानी में हुई हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि इनमें से किसी भी रोगी की मौत राज्य के सरकारी अस्पताल में नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि रोगियों को सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का पूरा लाभ दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू को लेकर राज्य के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। यदि किसी को डेंगू बुखार है तो 500 एमजी की बजाय 650 एमजी पारासिटामोल ले और आराम करे। इससे उसे बीमारी से राहत मिलेगी। स्वाइन फ्लू को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनियाभर के डॉक्टर इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि यह एक समान्य किस्म का इंफ्लूएंजा है। इसे अपने हाथों को साफ रखकर, मास्क पहनकर और अन्य सावधानियां बरत कर दूर रखा जा सकता है।
इससे पहले राज्य के स्वास्थ्य महानिदेशक पांडे ने कहा कि राज्य में पिछले साल के मुकाबले इस बार डेंगू के अधिक मामले सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू के मामले धीरे-धीरे कम हो रहे हैं।