भारत को वस्तुओं के लिए तत्काल उचित मानक स्थापित करने की जरूरत है, क्योंकि ऊंचा शुल्क और विभिन्न प्रकार के अंकुश अवांछित आयात को रोकने के लिए काफी नहीं हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को यह बात कही।
सीतारमण ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) को इन मानकों को स्थापित करने की प्रक्रिया तेज करनी चाहिए, क्योंकि देश में ऐसे आयात को रोकने के लिए कोई वैध माध्यम नहीं है। उन्होंने कहा, ‘बीआईएस को इसमें आगे बढ़ना होगा। हर जगह मानक स्थापित किये जा रहे हैं। हमें मानदंडों की जरूरत है।’
मंत्री का यह बयान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि घरेलू उद्योगों द्वारा चीन जैसे देशों से लगातार कम गुणवत्ता वाले उत्पादों के आयात को लेकर चिंता जताई जा रही है। सीतारमण ने कहा कि फार्मास्युटिकल्स जैसे कुछ क्षेत्रों ने अपने लिए उच्च मानदंड स्थापित किए हैं, लेकिन अभी अन्य क्षेत्रों के लिए ऐसा करना बाकी है।
उन्होंने कहा कि ऊंचे शुल्क तथा मात्रात्मक अंकुश से घरेलू उद्योग को बहुत मदद नहीं मिलने वाली। बीआईएस मानक बनाने, प्रमाणन तथा पंजीकरण का काम करता है। उन्होंने यहां राष्ट्रीय मानदंड सम्मेलन 2016 को संबोधित करते हुए कहा, ‘जब तक हम मानक नहीं बनाएंगे, हमारे लिए अवांछित आयात को रोकना संभव नहीं होगा। सिर्फ शुल्क उपाय से आयात पर उस हद तक अंकुश लगाना संभव नहीं जितना हम चाहते हैं।’
सीतारमण ने कहा कि इस तरह की खामियों को समाप्त करने के लिए हम शुल्क तथा मात्रा के हिसाब से अंकुश पर अधिक जोर दे रहे हैं। पर इससे मदद नहीं मिलने वाली। मेरे सोशल मीडिया पर लगातार इस तरह के सवाल आते हैं कि हम इस तरह का आयात रोक क्यों नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग को नियमों की पूरी तैयारी के साथ आगे आना चाहिए जिससे हम यह कह सकें कि हम अमुक मानदंड या गुणवत्ता से नीचे की सामग्री के आयात को तैयार नहीं होंगे।
भाषा