प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के जिस जयापुर गांव को गोद लिया है, उसके नए नारायण सिंह पटेल चुने गए हैं। उनसे पहले गांव की प्रधान दुर्गावती थीं, जिन्‍होंने इस बार पंचायत चुनाव नहीं लड़ा। सूत्रों के मुताबिक, दुर्गावती चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन परिवार के दबाव में वह ऐसा नहीं कर सकीं और देवर को नारायण सिंह पटेल को अपना प्रतिनिधि घोषित कर दिया। वहीं, नारायण पटेल से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा, ‘दुर्गावती राजनीति में नहीं रहना चाहती हैं, इसलिए उनकी जगह पर मैंने चुनाव लड़ा।’

हालांकि, गांव के लोग दूसरी कहानी बता रहे हैं। उनका कहना है कि दुर्गावती चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन पारिवारिक दबाव की वजह से उन्‍होंने नामांकन दाखिल नहीं किया। वहीं, नारायण ने पारिवारिक दबाव की बात से साफ इनकार कर दिया। उन्‍होंने कहा कि दुर्गावती के चुनाव नहीं लड़ने के पीछे दो कारण हैं। पहला- वह राजनीति में रहना नहीं चाहती हैं। दूसरा- गांव का एक वर्ग उनका विरोध कर रहा था, क्‍योंकि वह पढ़-लिखी नहीं थीं।

नारायण पटेल ने यह भी दावा किया है कि वह अपने दम पर जीते हैं। उनकी जीत के पीछे बीजेपी का समर्थन नहीं है। नारायण पटेल को पंचायत चुनाव में 844 वोट मिले हैं, जबकि उनके विपक्षी उम्‍मीदवार को 824 वोट प्राप्‍त हुए हैं।