केंद्र की मोदी सरकार “यूनिवर्सल बेसिक इनकम” के माध्यम से बड़ा प्लान कर रही है। मोदी सरकार देश के 10 करोड़ लोगों को चुनेगी। इसके तहत उन चुने गए 10 करोड़ लोगों को हर महीने 2,500 रुपए महीने तक देने की योजना पर विचार रही है। दरअसल हाल ही में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी एक भी राज्य में अपनी सरकार नहीं बना पाई। इनमें से कांग्रेस ने 3 राज्यों में अपनी सरकार बना ली। सरकार बनाने के बाद कांग्रेस ने इन राज्यों में किसानों का कर्ज माफ करने का भी ऐलान कर दिया, जैसा की पार्टी ने चुनाव से पहले कहा था। नवभारत टाइम्स के मुताबिक अब केंद्र सरकार को लगता है कि कांग्रेस को कर्ज माफी का माकूल जवाब नहीं दिया गया तो इसका असर लोकसभा चुनावों में भी देखने को मिल सकता है। 27 दिसंबर को पीएम मोदी UBI को लागू करने के लिए अब तक किए गए पूरे काम की समीक्षा करेंगे।
इस स्कीम के तहत चुने जाने वाले लोगों को पैसा दिया मिलेगा। सरकार अभी शुरुआत में 2,000 से लेकर 2,500 रुपए महीने देने की प्लानिंग कर रही है। इसका ऐलान अगले साल 15 जनवरी तक किया जा सकता है। आपको बता दें कि पिछले साल आर्थिक सर्वे में यूबीआई की वकालत की गई थी, इस योजना के बारे में कहा गया था कि यह गरीबों के लिए बहुत अच्छी साबित हो सकती है। इस तरह की योजना को पहली बार राजस्थान में बीजेपी के घोषणापत्र में जगह मिली थी। केंद्र सरकार इस योजना पर 10,000 करोड़ रुपए खर्च करने की प्लानिंग में है।
आपको बता दें कि साल 2016 में मध्य प्रदेश में एक पायलट प्रॉजेक्ट लागू किया गया था। इसके तहत एक गांव के 6,000 लोगों को चुना गया था। इसके तहत युवाओं को 500 रुपए महीने और बच्चों को 150 रुपए महीने दिए गए। यूबीआई जैसी स्कीम को सबसे पहले पूरी तरह से लागू करने वाला पहला देश फिनलैंड है। फिनलैंड में लागू होने के बाद इस तरह की स्कीम को करीब 20 से ज्यादा देशों में लागू किया गया। आपको बता दें कि तेलंगाना में भी इसी तरह की एक योजना है। यहां कर्ज में डूबे किसानों को साल में दो बार 4-4 हजार, कुल 8,000 रुपए दिए जाते हैं। यह रुपए फसल सीजन से पहले दिए जाते हैं। इसके अलावा किसानों को खेती करने के लिए फ्री में बिजली दी जाती है।