राष्‍ट्रीय उपभोक्‍ता विवाद निस्‍तारण आयोग ने रियल एस्‍टेट कंपनी यूनीटेक को 4 करोड़ रुपये घर खरीदारों के एक ग्रुप को रिफंड के रूप में लौटाने देने का आदेश दिया है। यूनीटेक को यह राशि समय पर घर बनाकर नहीं देने के चलते लौटानी होगी। कंपनी ने गुड़गांव के सेक्‍टर 70 में अपार्टमेंट योजना के लिए पांच साल पहले खरीदारों से पैसे लिए थे। करार के बाद यूनीटेक ने 36 महीने यानि तीन साल के भीतर पजेशन देने का वादा किया था।

आयोग के चेयरमैन वीके जैन ने आदेश में कहा,’यूनीटेक को शिकायकर्ताओं की रकम 18 प्रतिशत सालाना ब्‍याज के साथ चुकाने का निर्देश दिया जाता है। ब्‍याज पूरी रकम चुकाए जाने के दिन तक जारी रहेगा।’ 2010 में आठ लोगों ने साढ़े 26 लाख से लेकर 55 लाख रुपये तक की कीमत के अपार्टमेंट बुक कराए थे। इनमें से छह ने आयोग में शिकायत दायर कर अपनी रकम वापस मांगी। वहीं दो ने तय समय में अपार्टमेंट देने और बिल्‍डर से मुआवजा देने की मांग की थी।

शिकायकर्ताओं ने कहा कि इस प्रोजेक्‍ट के कुछ हिस्‍से को छोड़कर बाकी में तो काम भी शुरु नहीं हुआ। काम में देरी के लिए बिल्‍डर ने बताया कि आर्थिक मंदी के चलते वह ऐसा नहीं कर पाया। बिल्‍डर को पांच हजार रुपये प्रति खरीदार के हिसाब से लिटीगेशन चार्ज भी चुकाने को कहा गया है।