पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीवों को बचाने के लिए देश में युवाओं को एक विशेष कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। केंद्र सरकार के पर्यावरण और वन मंत्रालय ने एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है। योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा इच्छुक युवाओं को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों में एक साल तक काम करने का मौका दिया जाएगा। प्रशिक्षण पाने वाले युवा सीधे तौर पर पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र से जुड़े होंगे और मंत्रालय द्वारा सुनिश्चित किए गए विभिन्न क्षेत्रों में जाकर काम कर सकेंगे।
प्रशिक्षण पूरा करने वाले युवाओं को मंत्रालय प्रमाणपत्र जारी करेगा और इसमें संबंधित युवा के कामकाज की स्थिति की सभी जानकारियां उपलब्ध कराई जाएगी। प्रशिक्षण के लिए मंत्रालय ने 22 क्षेत्रों को चिह्नित किया गया है। इनमें प्रमुख क्षेत्रों में वन्य क्षेत्र, पर्यावरण परिवर्तन, पर्यावरण कानून, सार्वजनिक वित्त प्रबंधन, वन क्षेत्र, जीव और भौतिक विज्ञान आदि शामिल हैं।
इस बाबत पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारी एस पी सिंह ने आदेश जारी किए हैं। आदेश में बताया गया है कि कोई भी इच्छुक अभ्यार्थी एक वित्त वर्ष में ऐसा एक ही प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेगा और यह प्रशिक्षण तय कार्यकाल से तीन माह से अधिक नहीं बढ़ाया जाएगा।
इस प्रशिक्षण के लिए एमएससी और पीजीडीएम आइआइएफएम को प्राथमिकता दी जाएगी। अपना प्रशिक्षण पूर्ण करने के पश्चात युवाओं को एक विस्तृत रिपोर्ट भी मंत्रालय को जमा करानी होगी। इन प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को सरकार द्वारा 10 हजार रुपए की एकमुश्त राशि प्रति माह दी जाएगी। एक वर्ष में ऐसा ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन प्रशिक्षण होगा। मंत्रालय के मुताबिक इस योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थी अपने संबंधित कालेज से एक अनापत्ति प्रमाणपत्र देना होगा।
संबंधित विभाग द्वारा भी केवल दो ही अभ्यर्थी भेजे जा सकेंगे और उन्हें मंत्रालय द्वारा जारी किए गए 22 क्षेत्रों में से छात्र के कार्यक्षेत्र को स्प्ष्ट करना होगा। इसके अतिरिक्त इस पूर्ण प्रक्रिया में किसी भी बदलाव को मंजूरी देने का अधिकार इस प्रशिक्षण में केवल पर्यावरण मंत्रालय को दिया गया है।