Union Budget 2025: देश के आम बजट को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। बजट को तैयार करने में वित्त मंत्रालय की पूरी टीम, तमाम बड़े अफसर, मंत्री लंबी मशक्कत करते हैं। इसमें ध्यान रखा जाता है कि बजट के जरिए लोगों को किस तरह राहत दी जाए। बजट बनाने की पूरी योजना को पूरी तरह गुप्त रखा जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि दो बार केंद्रीय बजट लीक भी हो चुका है।

जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा है कि केंद्रीय बजट दो बार लीक हो चुका है। इस खबर में आपको बताते हैं कि यह केंद्रीय बजट कब-कब लीक हुआ, इसे बनाने की पूरी प्रक्रिया को गुप्त क्यों रखा जाता है और अगर केंद्रीय बजट लीक हो जाता है तो इसे लेकर सजा के क्या प्रावधान हैं।

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क्यों रखा जाता है बजट बनाने की प्रोसेस को सीक्रेट ?

केंद्रीय बजट बहुत ही संवेदनशील दस्तावेज होता है। इसमें देश की आर्थिक नीतियों, करों, सरकारी खर्चों और विकास योजनाओं की जानकारी होती है। अगर बजट की जानकारी पहले ही सामने आ जाए तो इससे शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव हो सकता है। करों में बदलाव, सब्सिडी या सरकारी खर्चों की जानकारी समय से पहले मिलने पर निवेशक और कारोबारी इसका गलत फायदा उठा सकते हैं।

अगर किसी चीज पर कर में कमी या बढ़ोतरी की सूचना पहले ही मिल जाए तो व्यापारी पहले से ही कीमतें बढ़ा सकते हैं, जिससे सरकार के द्वारा उठाए जा रहे कदमों का असर नहीं होगा।

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कब-कब लीक हुआ बजट?

आजादी के बाद पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को पेश होना था। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बजट पेश करने की जिम्मेदारी सर आरके शनमुखम चेट्टी को सौंपी थी। इस बजट में भारत की 15 अगस्त, 1947 से लेकर 31 मार्च, 1948 तक साढ़े सात महीने की योजनाओं को लेकर जानकारी थी।

चेट्टी के बजट पेश करने से पहले यह मीडिया में लीक हो गया। उस दौरान ब्रिटिश सरकार से सलाह-मशविरा करने के लिए बजट दस्तावेजों को ब्रिटेन भेजा गया। लेकिन ब्रिटिश वित्त मंत्री ह्यू डॉल्टन ने मीडिया को कर नीतियों के बारे में जानकारी दे दी थी, जिससे यह खबर तेजी से फैल गई। इस घटना के कारण ब्रिटिश वित्त मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

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दूसरी बार 1950 में लीक हुआ था बजट

बजट लीक होने की दूसरी घटना 1950 में हुई थी। तब जॉन मथाई वित्त मंत्री थे। उनके कार्यकाल में बजट के कुछ दस्तावेज छपाई के दौरान लीक हो गए थे। जॉन मथाई पर पक्षपात के आरोप लगे और उन्होंने वित्त मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इस घटना के बाद बजट की सुरक्षा को सख्त कर दिया गया।

इसके बाद बजट की गोपनीयता बनाए रखने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए।

बजट तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) और खुफिया एजेंसियों की तैनाती होती है। बजट से जुड़े अधिकारियों के फोन ट्रैक किए जाते हैं और उन्हें कार्यालय तक ही सीमित रखा जाता है। उन्हें परिवार से मिलने की भी अनुमति नहीं होती।

बजट की छपाई के दौरान सुरक्षा को और कड़ा कर दिया जाता है। केवल वित्त मंत्री को ही अधिकारियों से मिलने की अनुमति होती है। बजट छपाई का काम नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में किया जाता है और इसे अंतिम समय तक गुप्त रखा जाता है।

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बजट लीक करने पर कितनी सजा हो सकती है?

सरकार ने बजट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियम बनाए हैं। यदि कोई व्यक्ति बजट से जुड़ी संवेदनशील जानकारी को लीक करता है तो उसके खिलाफ गंभीर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 (Official Secrets Act, 1923) के तहत दोषी पाए जाने पर दोषी व्यक्ति को कड़ी सजा दी जा सकती है। इसमें जेल की सजा का प्रावधान है।

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