UGC: यूजीसी और AICTE ने ऐड-टेक कंपनियों को बड़ा झटका दिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और एआईसीटीई ने कहा है कि तमाम ऐड-टेक कंपनियों द्वारा विदेशी संस्थानों के सहयोग से चलाए जा रहे ऑनलाइन पीएचडी प्रोग्राम को मान्यता नहीं मिलेगी।

इसी संबंध में एक नोटिस में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कहा कि सभी भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईएल) के लिए यूजीसी विनियमों और पीएचडी डिग्री प्रदान करने के लिए इसके नियमो व संशोधनों का पालन करना अनिवार्य है।

वहीं जारी नोटिस के अनुसार छात्रों को बड़े पैमाने पर एडुटेक कंपनियों द्वारा विदेशी शैक्षिक संस्थानों के सहयोग से ऑनलाइन पीएचडी कार्यक्रमों के विज्ञापनों से गुमराह नहीं होने की सलाह दी जाती है। ऐसे ऑनलाइन पीएच.डी. कार्यक्रमों को यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। यूजीसी के अनुसार छात्र पीएचडी कार्यक्रम में प्रवेश लेने से पहले विश्वविद्यालय की ओर से इस संबंध में जारी नियमों की जांच जरूर करें।

यूजीसी ने मार्च 2022 में पीएचडी कार्यक्रमों के लिए मौजूदा नियमों में बदलाव किया। यूजीसी (एमफिल, पीएचडी डिग्री के लिए न्यूनतम मानक और प्रक्रिया) 2022 ने सुझाव दिया कि कुल पीएचडी सीटों में से 60 प्रतिशत यूजीसी के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले छात्रों द्वारा भरे जाएंगे।

राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) या जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ), और बाकी 40 प्रतिशत विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाओं से भरे जाने हैं। इस नियम को यूजीसी की 10 मार्च 2022 को हुई 556वीं बैठक में मंजूर किया गया।

बता दें कि यूजीसी ने पीएचडी के लिए पोस्ट ग्रेजुएशन की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया है। अब 4 वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स करने वाले अभ्यर्थी भी पीएचडी कर कर सकते हैं। बसर्ते अभ्यर्थी 7.5 सीजीपीए के साथ पास जरूर होना चाहिए, जो अभ्यर्थी इतने सीजीपीए से पास नहीं हैं। उन्हें पीएचडी में प्रवेश के लिए एक वर्षिय मास्टर डिग्री प्राप्त करना होगा। वहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत अब कई शैक्षणिक संस्थानों ने 4 वर्षीय ग्रेजुएशन कार्यक्रम भी शुरू किया है।