बसपा सुप्रीमो मायावती से बगावत करते हुए दो विधायकों ने पार्टी छोड़ दी है। पूर्व बीजेपी नेता दयाशंंकर सिंह के समर्थन में उतरते हुए दो बसपा विधायकों ने कहा कि अब वे बीजेपी का रुख करेंगे। शायद उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट भी मिल जाए। पार्टी छोड़ने वालों में लखीमपुर-खीरी जिले के पलिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक हरविंदर कुमार साहनी (रोमी साहनी) और मल्लावां के विधायक ब्रजेश वर्मा हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने दयाशंकर की मायावती के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी की निंदा की। मगर विधायकों ने यह भी आरोप लगाया कि दयाशंकर सिंह के बयान के बाद लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान जो नारे लगे, वह पार्टी नेताओं द्वारा कार्यकर्ताओं को लिखकर दिए गए थे। उन्होंने कहा कि विरोध के दौरान जो नारे (दयाशंकर की पत्नी बेटी को पेश करो) लगाए गए, वे उनकी निंदा करते हैं। रोमी साहनी ने कहा, ”दयाशंकर की टिप्पणी की सजा 12 वर्ष की मासूम बेटी को नहीं दी जानी चाहिए, यह प्रदेश और देश के लिए शर्मनाक घटना थी।”
मायावती पर अभद्र टिप्पणी के बाद हुए प्रदर्शन में अभद्र टिप्पणियों के पीछे कारण का खुलासा करते हुए रोमी ने कहा कि बसपा में वही नारे लगते हैं, जो लिखकर दिए जाते हैं। दोनों विधायकों के अनुसार, ”धरने में वही नारे लगे, जो पार्टी से लिखकर मिले थे। इसलिए यह कहना ठीक नहीं कि इन नारों की जानकारी पार्टी के बड़े नेताओं को नहीं थी।” वहीं दूसरी तरफ, बसपा ने दोनों विधायकों को अवसरवादी करार दिया है। बसपा नेता ब्रजेश पाठक ने कहा है कि ”लिखित माफी मांगने पर दोनों की वापसी हुई थी। तभी कहा गया था कि उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा। उन दोनों विधायकों ने सुधरने का मौका देने की बात कही थी, लेकिन अब वे टिकट न मिलने से बौखला गए हैं।”
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