रेल मंत्रालय ने एक यात्री की शिकायत पर घूस लेने वाले टीटीई के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। टीटीई के खिलाफ यह कदम एक यात्री के ट्विटर पर शिकायत करने के बाद उठाया गया है। शिकायत के मुताबिक टीटीई सीट के बदले लोगों से पैसे ले रहा था और यात्रियों को रसीद नहीं दे रहा था। सोशल मीडिया पर रेल मंत्रालय की सक्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जैसे ही यात्री ने शिकायत की, मंत्रालय ने तुरंत समस्या पर प्रतिक्रिया देते हुए कार्रवाई की। इसके साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ एक उदाहरण भी पेश किया।

10 सितंबर को गोविंद नारायण नाम का एक यात्री बाड़मेर कालका एक्सप्रेस से बीकानेर की यात्रा कर रहा था। उसने गौर किया टीटीई लोगों से सीट के लिए अतिरिक्त चार्ज ले रहा है लेकिन उन्हें रिसीप्ट (पर्ची) नहीं दे रहा है और न ही लोग उससे पर्ची की मांग कर रहे हैं। कुछ देर बाद गोविंद ने टीटीई से रिसीप्ट मांगी, इस पर टीटीई ने कहा कि हम बीकानेर तक साथ है और मैं तुम्हें रास्ते में पर्ची दे दूंगा। इसके बाद गोविंद ने ट्वीट करके अपनी शिकायत रेल मंत्रालाय, रेल मंत्री सुरेश प्रभु और डिवीजन रेलवे मैनेजर को भेजी।

रेल मंत्रालय ने यात्री की शिकायत को डीआरएम ऑफिस फॉरवर्ड कर दिया। कुछ ही देर में डीआरएम ने गोविंद और विजिलेंस ऑफिसर मुकेश गहलोत से बात की और ट्रेन को जोधपुर स्टेशन पर रोका गया। उनकी टीम ने टीटीई से बात की और रिकॉर्ड बुक चेक की। इसके बाद @GMNWRailway की ओर से गोविंद के ट्वीट पर रिट्वीट करके बताया कि ड्यूटी स्टाफ ( टीटीई) के खिलाफ एक्शन लिया गया है।

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि हम पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस तरह के मुद्दों के प्रति हमने जीरो टॉलरेंस अपनाने का फैसला किया है। गौरतलब है कि इससे पहले भी रेल मंत्रालय द्वारा यात्रियों की समस्याओं को सुनने और उस पर प्रतिक्रिया देकर उनके समाधान के कई मामले सामने आ चुके हैं।