बीजेपी शासित त्रिपुरा में स्वास्थ्य सेवाएं महंगी हो गई हैं। राज्य की भाजपा-आईपीएफटी सरकार ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की तरफ से मिलने वाली सेवाओं का शुल्क बढ़ा दिया है। इसमें आईसीयू, केबिन चार्ज, ऑक्सीजन सिलेंडर, डायग्नोसिस और आहार शुल्क शामिल है।
खास बात यह है कि इनमें से अधिकतर सेवाएं पहले फ्री थीं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की तरफ से जारी अधिसूचना संख्या F.1 (28)-DHS/GS/18 के अनुसार गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) और प्राथमिकता समूह (पीजी) वाले लोगों को अब ओपीडी रजिस्ट्रेशन के लिए 10 रुपये की जगह 20 रुपये देना होगा। इतना ही नहीं अस्पताल में बेड शुल्क के दोनों वर्गों को क्रमशः30 रुपये और 20 रुपये देना होगा।
अधिसूचना के अनुसार अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों और पीजी समूह को आईसीयू बेड के लिए 300 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से देने होंगे। वहीं गरीबी रेखा से ऊपर रहने वाले लोगों के लिए आईसीयू बेड का शुल्क 600 रुपये प्रतिदिन होगा। सरकारी अस्पताल में एससी केबिन का शुल्क 700 रुपये प्रतिदिन होगा।
सरकारी अस्पतालों में सभी दवाइयां रोगियों को फ्री मिलेंगी हालांकि यह इस पर निर्भर करेगा कि अस्पताल में वह दवा उपलब्ध है या नहीं। अस्पताल में अब तक मिलने वाले मुफ्त खाने के लिए अब गरीबी रेखा से ऊपर रहने वाले लोगों के प्रतिदिन 50 रुपये देना होगा।
इसी तर्ज पर अस्पताल में डायग्नोस्टिक टेस्ट, बायो कैमिस्ट्री, पैथोलॉजी, माइक्रो-पैथोलॉजी, रेडियो डायग्नोसिस और अन्य मेडिकल जांच की दरों भी केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत ही ली जाएगी। विपक्ष ने बिप्लव कुमार देव सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।
विपक्ष के नेता मानिक सरकार ने राज्य सरकार से इन बढ़ी हुई दरों को जन विरोधी बताते हुए वापस लेने को कहा है। वहीं, कांग्रेस ने भी स्वास्थ्य सेवाओं के शुल्क में बढ़ोतरी को पूरी तरह से अमानवीय बताया है। कांग्रेस के राज्य उपाध्यक्ष तपन डे ने कहा कि पार्टी सरकार के इस फैसले के खिलाफ राज्य के सभी 8 जिलों में आंदोलन करेगी।