केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तलाक-ए-बिद्दत (एक बार में तीन तलाक) के आरोपी व्यक्ति को जमानत देने के प्रावधान को विधेयक में जोड़ने की गुरुवार (8/8/2018) मंजूरी दे दी। सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी। एक बार में तीन तलाक गैरकानूनी बना रहेगा और इसके लिए पति को तीन वर्ष की जेल की सजा हो सकती है। मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक को लोकसभा ने मंजूरी दे दी थी, यह राज्यसभा में लंबित है जहां सरकार के पास संख्याबल कम है। विपक्षी दलों की मांगों में से एक इस विधेयक में जमानत का प्रावधान जोड़ना भी शामिल था ।
सूत्रों के मुताबिक आज जिन प्रावधानों को मंजूरी दी गई है उनके अंतर्गत अब मजिस्ट्रेट जमानत दे सकेंगे। प्रस्तावित कानून केवल तलाक ए बिद्दत पर ही लागू होगा। इसके तहत पीड़ित महिला अपने और अपने नाबालिग बच्चों के लिए गुजारे भत्ते की मांग को लेकर मजिस्ट्रेट के पास जा सकती है। पीड़ित महिला मजिस्ट्रेट से बच्चों को अपने संरक्षण में रखने की मांग कर सकती है। इस मुद्दे पर अंतिम फैसला मजिस्ट्रेट लेगा।

गौरतलब है कि तीन तलाक के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले प्रमुख संगठन आॅल इण्डिया मुस्लिम वूमेन पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमडब्ल्यूपीएलबी) तथा अन्य तनजीमों ने संसद के आगामी सत्र के मद्देनजर तलाक-ए-बिद्दत रोधी विधेयक की समीक्षा की मांग की थी। इन संगठनों का कहना है कि पिछले साल दिसंबर में लोकसभा में पारित मुस्लिम महिला (विवाह में अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 में अनेक खामियां हैं और सरकार को एक बार सभी पक्षों को बैठाकर चर्चा करके उन कमियों को दूर करना चाहिये। एआईएमडब्ल्यूपीएलबी की अध्यक्ष शाइस्ता अं­बर ने बताया कि उन्होने करीब 10 दिन पहले विधि आयोग और कानून मंत्रालय को पत्र भेजकर गुजारिश की थी कि वह तीन तलाक रोधी विधेयक पर चर्चा के लिये ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, अहले हदीस, मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों को लेकर संघर्ष कर रहे संगठनों, वकीलों और समाजसेवियों को बुलाकर बातचीत करें और फिर से नया मसविदा तैयार करें।

उन्होंने कहा कि इससे तीन तलाक रोधी विधेयक की खामियां दूर होंगी। वह लोकप्रिय होगा, उसका शरीयत से टकराव नहीं होगा और तीन तलाक की बुराई भी खत्म हो सकेगी। हम चाहते हैं कि राज्यसभा में जब विधेयक पर चर्चा हो तो विधि आयोग और कानून मंत्रालय संशोधित मसविदा तैयार करके सभी सांसदों को दें, ताकि हम लोगों के सुझावों पर भी चर्चा हो सके।

भाषा के इनपुट से।