उत्तराखंड 22 मार्च से कोरोना महामारी के कारण पूर्णबंदी का दंश झेल रहा है जिस वजह राज्य की अर्थव्यवस्था पटरी से उतरती हुई दिखाई दे रही है। राज्य के उद्योग धंधे पर्यटन बागवानी खेती-बाड़ी धार्मिक तीर्थाटन ट्रैवल व्यवसाय और फिल्मोद्योग व्यवसाय पर बहुत विपरीत असर पड़ा है। राज्य के चारों धामों बद्रीनाथ केदारनाथ गंगोत्री यमुनोत्री के कपाट तो खुल गए हैं परंतु पूर्ण बंदी की वजह चारधाम के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं के आने पर पाबंदी लगी हुई है। सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट भी खुले ही नहीं है।

सावन के महीने में हरिद्वार ऋषिकेश में लगने वाले कांवड़ मेले पर भी अभी से प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है। 15 दिन तक चलने वाले इस मेले में तीन से चार करोड़ तक लोग आते हैं और करीब 2 अरब रुपए का स्थानीय व्यापारियों का व्यवसाय इस दौरान चलता है। उत्तराखंड की आर्थिक रीढ़ कहलाए जाने वाले सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र वीरान पड़ा है। जिला उद्योग विभाग की महाप्रबंधक अंजलि रावत के मुताबिक हरिद्वार ,भगवानपुर ,लक्सर, देहरादून, पंतनगर, रुद्रपुर में सिडकुल क्षेत्र में छोटे-बड़े उद्योग लगभग 64 हजार 827 की तादाद में है जिनमें करीब 4 लाख 50 हजार की तादाद में लोग बाग काम करते हैं।

उत्तराखंड सिडकुल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हरेंद्र गर्ग के मुताबिक राज्य में इस समय उद्योग 40 फीसद ही चल रहे हैं और जिनमें उत्पादन भी करीब 30 से 40 फीसद तक हो रहा है और पूर्णबंदी के बाद करीब 25 से 30 फीसद प्रवासी श्रमिक उत्तराखंड से अपने-अपने प्रदेशों में जा चुके हैं। पूर्ण बंदी के कारण उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, पीलीभीत से इन उद्योग धंधों में काम करने वाले मजदूर भी नहीं आ पा रहे हैं। दूसरे माल की ढुलाई के साधन भी पूर्णबंदी के कारण उपलब्ध नहीं है। परंतु वही पूर्व बंदी के समय राज्य के दवा उद्योग ने दवा उत्पादन में महत्त्वपूर्ण सहयोग दिया है। सिडकुल हरिद्वार के एकम्स दवा उद्योग के प्रबंध निदेशक संदीप जैन का कहना है कि अन्य उद्योग धंधों के मुकाबले राज्य का दवा उद्योग पूर्णबंदी में अपनी क्षमताओं का करीब 70 से 80 फीसद इस्तेमाल करने में सफल रहे हैं और उत्तराखंड का दवा उद्योग देश के दवा उत्पादन में करीब का 20 से 25 फीसद योगदान करता है।

तीसरे चरण में कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद में एकदम उछाल आया और जो बढ़कर 104 हो गई। 12 मई से राज्य के विभिन्न प्रांतों में रह रहे उत्तराखंड प्रवासियों के आने का सिलसिला शुरू हुआ तब से 8 दिन में कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद में एकदम उछाल आया। 11 मई को राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद 68 थी जिनमें से 46 ठीक होकर घर चले गए थे केवल 21 मरीजों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा था और उत्तराखंड में ठीक होने वाले मरीजों का फीसद 67.65 था और जो घटकर 50 फीसद रह गया है।

राज्य के 13 जिलों में से 6 पर्वतीय जिले बागेश्वर, चमोली ,चंपावत ,पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और टिहरी कोरोना महामारी से दूर थे परंतु आज 8 दिन बाद केवल तीन पहाड़ी जिले ही पिथौरागढ़ ,रुद्रप्रयाग और टिहरी उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि उत्तराखंड के प्रवासियों में से 2 लाख 30 हजार 798 प्रवासियों ने राज्य में आने के लिए आॅनलाइन पंजीकरण कराया है जिनमें से 1 लाख 11 हजार 713 प्रवासियों को लाए जा चुके हैं। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए हमने वित्त विशेषज्ञों की एक समिति का गठन पूर्णबंदी के पहले चरण में किया था। राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए इस समिति के सुझावों को धरातल पर उतारने का कार्य किया जा रहा है।