उत्तर प्रदेश में पूर्व सरकारों के दस सालों के कार्यकाल के दौरान 30 हजार करोड़ रुपए का घोटाला होने का खुलासा नोएडा के वित्तीय लेखा की जांच के आधार पर बताया जा रहा है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने वित्तीय लेखा की करीब 400 पन्नों की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश शासन को भेजी थी। जबकि जानकारों का मानना है कि यह घोटाला इस रकम से काफी ज्यादा का है। अकेले लीज रेंट को घटाकर एक फीसद करने और लागत का महज 10 फीसद भुगतान कर बिल्डर भूखंड आबंटित करने से ही प्राधिकरण को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुुआ है।
इसी नियम के चलते बिल्डरों ने प्रॉपर्टी बाजार में तेजी के दौरान एक के बाद एक भूखंड आबंटित कराकर बुकिंग के नाम पर मुनाफा खोरी की। माना जा रहा है कि घोटालों को अंजाम देने वाले अधिकारियों से जल्द पूछताछ होगी और काफी की गिरफ्तारी भी हो सकती है। नियमों में बदलाव और अनियमितता से संबंधित अधिकांश मामले 2007-17 के दौरान किए ग्रुप हाउसिंग (बिल्डर) आबंटन में हुए। इसी दौरान बिल्डरों को खुला मौका देकर सरकार ने अपनी नीति में बदलाव कर कुल भूखंड लागत का महज दस फीसद जमा कराकर जमकर भूखंंड आबंटित किए।
उस दौर में चल रहे बाजार भाव से कम दाम पर बड़े पैमाने पर आबंटन को लेकर शिकायतें भी काफी की गई थी। इसके अलावा बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) बढ़ाया गया और बेचा गया। खासतौर पर यूनिटेक बिल्डर को आबंटित तीन सेक्टर के अलावा अन्य इलाकों के भूखंड आपत्ति की कड़ी में हैं। यूनिटेक के अलावा करीब डेढ़ दर्जन अन्य बिल्डर कंपनियां को आबंटित भूखंडों पर भी आडिट में आपत्ति लगाई गई है। पीड़ित फ्लैट खरीदार बताते हैं कि 10 फीसद पर ग्रुप हाउसिंग भूखंड आबंटित करने की नीति के चलते यदि किसी भूखंड की लागत 100 करोड़ रुपए थी, तो चार लोगों ने मिलकर 100 करोड़ का दस फीसद, महज 10 करोड़ रुपए एक बार प्राधिकरण में जमा कराकर अपने नाम आबंटन करा लिया।
आबंटन के बाद लोगों को लुभावने सपने दिखाकर बुकिंग के नाम पर जमकर मुनाफा खोरी की। ग्रुप हाउसिंग के अलावा वाणिज्यिक, भू-आबंटन, एफएआर समेत विकसीय योजनाओं में अनियमित्ता बरतने के बारे में बताया गया है। अनियमितत्ता वाले वाणिज्यिक भूखंड आबंटन में हस्ताक्षर करने वाले अधिकारियों से पूछताछ की जा सकती है। हालांकि विकासीय परियोजनाओं पर लगाई सभी आपत्तियों के जवाब इंजीनियरिंग विभाग की तरफ से दिए जाने के बारे में बताया गया है।