कांग्रेस नेता और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया उर्दू के चलते संसद में अपने भाषण में गलत शब्द बोल बैठे। हालांकि बाद में जब इस पर सवाल उठा तो उन्होंने अपनी गलती मान ली और स्पीकर से शब्द को बदलने का अनुरोध किया। सिंधिया ने बुधवार को कश्मीर में तनाव के मामले पर बहस में हिस्सा लिया था। सिंधिया ने अपने भाषण में कहा था कि आज कश्मीर की जरूरत है कि रायशुमारी होनी चाहिए। जो वहां जख्म लगे हैं, उन जख्मों को जंजीरों की कड़ाई से नहीं बल्कि इंसानियत से हमें भरना होगा। एक अमन चैन का वातावरण बनाना होगा, उनके द्वार हमें खोलने होंगे, तभी वह चमन हमारे देश में खिल पायेगा।
रायशुमारी उर्दू का शब्द है। इसका मतलब जनमत संग्रह होता है। कश्मीर के संदर्भ में ये एक विवादित शब्द है क्योंकि अलगाववादी भी जनमत संग्रह कराने की मांग करते रहते हैं। सिंधिया को जब अपनी गलती का अहसास हुआ तो उन्होंने ट्वीट के जरिए सफार्इ दी। उन्होंने लिखा, “मेरी ग़लती, मुझे चर्चा के लिए उर्दू का गलत शब्द दिया गया और गलत समझा गया। मैंने कश्मीर में जनमत संग्रह की बात नहीं की। मेरा पूरा भाषण पढ़ें।” इसके बाद सिंधिया ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को पत्र लिख कर अपने बुधवार के भाषण से ‘रायशुमारी’ शब्द को हटा कर उसकी जगह ‘चर्चा’ लिखने का अनुरोध किया है। स्पीकर ने इसे मान लिया।
गुरुवार को चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस ओर इशारा किया था। हालांकि बाद में सूचना प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सिंधिया ने स्पीकर को पत्र लिख कर अपनी बात स्पष्ट कर दी थी इसलिए ये मामला अब समाप्त हो गया।
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