संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी एक अलग ही वजह से चर्चा में आ गईं। जब वे संसद भवन में प्रवेश कर रही थीं, उनकी गाड़ी में उनका पालतू कुत्ता भी मौजूद था। पालतू कुत्ते को लेकर संसद परिसर में प्रवेश पर विवाद खड़ा हो गया है और बीजेपी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग तक कर दी है।

रेणुका चौधरी ने क्या सफाई दी?

इस विवाद पर बात करते हुए रेणुका चौधरी ने कहा, “एक पालतू कुत्ते से किसी को क्या दिक्कत है? एक गूंगा जानवर अगर अंदर आ गया तो इससे किसी को क्या परेशानी हो जाएगी? ये तो काटेगा भी नहीं, जो पार्लियामेंट के अंदर बैठे हुए हैं, वो काटते हैं।” उनके इस बयान पर बड़ा बवाल खड़ा हो गया। बीजेपी नेता जगदंबिका पाल ने कहा कि रेणुका चौधरी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि “संसद को मिला विशेषाधिकार किसी तरह के दुरुपयोग के लिए नहीं है।”

खड़गे के किस बयान पर बवाल?

शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा में भी हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस अध्यक्ष और एलओपी मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर विवाद छिड़ गया। खड़गे ने बिना नाम लिए राज्यसभा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की ओर इशारा करते हुए टिप्पणी की, जिसके बाद सदन में बहस छिड़ गई। खड़गे ने कहा कि आशा है कि आप (सभापति सी.पी. राधाकृष्णन) इसे गलत नहीं समझेंगे, लेकिन मुझे आपके पूर्ववर्ती राज्यसभा चेयरमैन के अचानक पद छोड़ने का उल्लेख करना जरूरी लग रहा है। यह खेद की बात रही कि सदन उन्हें औपचारिक रूप से विदाई भी नहीं दे सका। इसके बावजूद, विपक्ष की ओर से मैं उनके अच्छे स्वास्थ्य और सुखद भविष्य की कामना करता हूं। खड़गे के इस बयान पर ही राज्यसभा में हंगामा छिड़ गया और बीजेपी ने आपत्ति दर्ज करवाई।

बीजेपी ने कांग्रेस पर किया वार

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने निशाना साधते हुए कहा कि हमें सम्मान कार्यक्रम की गरिमा बनाए रखनी चाहिए, और अच्छा होगा अगर हम उसी हिसाब से इस पर चर्चा करें। अगर हम उस मुद्दे पर चर्चा करना शुरू कर दें जो हमारे विपक्ष के नेता ने आज उठाया विदाई, और बाकी सभी विषय, तो मुझे लगता है कि यह बेमतलब है। यहां से यह भी चर्चा होगी कि आपने उनके खिलाफ एक बार नहीं बल्कि दो बार अविश्वास प्रस्ताव लाया।

नड्डा ने आगे बोला कि मुझे लगता है कि हमारे विपक्ष के नेता बहुत सम्मानजनक हैं। बिहार, हरियाणा और महाराष्ट्र में हार से आपको बहुत दर्द हुआ है। लेकिन आपको अपना दर्द और तकलीफ किसी डॉक्टर को बतानी चाहिए। समय आने पर आपको डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

ये भी पढ़ें- खड़गे के किस बयान पर मच गया बवाल?