भारतीय नौसेना शनिवार (17 सितंबर) को मुंबई के मझगांव डॉक में अपने अब तक के सबसे मारक युद्धपोत का अनावरण करेगी। हालांकि मोरमुगाओ नामक इस युद्धपोत को सेना में सक्रिय रूप से शामिल होने में दो साल लगेंगे। मोरमुगाओ भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 15-बी के तहत निर्मित दूसरा युद्धपोत है। ये तकनीकी तौर पर भारत का अब तक का सबसे उन्नत युद्धपोत है। इसका निर्माण भारत सरकार के चार अत्याधुनिक युद्धपोत बनाने के लिए शुरू की गई 29,700 करोड़ रुपये लागत वाली परियोजना के तहत हुआ है। मोरमुगाओ का वजन 7300 टन है और इसकी लंबाई 163 मीटर है। इस युद्धपोत में चार यूक्रेनियन गैस टर्बाइन इंजन लगे हैं जो इसे 30 नॉट (करीब 56 किलोमीटर प्रति घंटा) तक की रफ्तार देते हैं। इस श्रेणी के युद्धपोत को दुश्मन के राडार बहुत मुश्किल से पकड़ पाते हैं।

अनावरण कार्यक्रम में जमीनी कारखानों में तैयार होने वाले जलपोत को पहली बार पानी में उतारा जाता है। जलपोतों के लिए ये मौका बहुत ही खास माना जाता है। इसके बाद इनमें फिटिंग वगैरह करके इन्हीं व्यावहारिक प्रयोग के लिए तैयार किया जाता है। इस युद्धपोत पर 50 नौसेना अफसर और 250 सेलर तैनात होंगे। ये समुद्र में 4000 नॉटिकल मील तक काम करेगा। भारतीयन नौसेना ने मीडिया को बताया कि ये युद्धपोत दुनिया के सबसे आधुनिक एडवांस्ड गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर हैं। मुरामुगाओ स्टेट-ऑफ-द-आर्ट वेपंस/सेंसर्स, स्टेल्थ फीचर और उच्च ऑटोमेशन जैसी अत्याधुनिक तकनीकी से लैस है।

एनडीटीवी डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार मोरमुगाओ युद्धपोत से लक्ष्य को भेदने के लिए बराक 8 लॉन्ग-रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (एलआर-एसएएम) दागी जा सकती हैं। एलआर-एसएएम का निर्माण भारत और इसराइल ने मिलकर किया है। इसे दुनिया की सबसे आधुनिक मिसाइल तकनीक में शुमार किया जाता है। इस तकनीकी से दुश्मन के एयरक्राफ्ट और सुपरसोनिक मिसाइल को 70 किलोमीटर से ज्यादा दूरी से टोह ली जा सकती है। मोरमुगाओ ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से भी लैस होगा। ब्रह्मोस से जमीन के अलावा समुद्र में 300 किलोमीटर दूर तक किसी लक्ष्य पर निशाना साधा जा सकता है।

नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा की मौजूदगी में उनकी पत्नी श्रीमती रीना लांबा प्रोजेक्ट 15 बी के तहत बनाये जा रहे मोरमुगाओ युद्धपोत का जलावतरण करेंगी । इस श्रेणी के पहले पोत “विशाखापत्तनम” का पिछले साल अप्रैल में अनावरण किया गया था।

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नौसेना के युद्धपोत मोरमुगाओ पर ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात की जाएगी।
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मोरमुगाओ भारतीय नौसेना के चार युद्धपोत बनाने की परियोजना में बनाया गया दूसरा युद्धपोत है।