शासन में उत्कृष्टता क्या है?
भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढ़ा के लिए इसका मतलब है, ‘लोगों के लिए बनाई गई नीतियां पारदर्शिता पूर्ण तरीके से उन तक पहुंचे…सबसे निचले पायदान वाले को पक्का फायदा पहुंचे, यही है असली शासन।’ न्यायमूर्ति लोढ़ा उस निर्णायक मंडल के प्रमुख थे, जिसने ‘द इंडियन एक्सप्रेस एक्सीलेंस इन गवर्नेंस अवॉर्ड्स’ के विजेताओं को चुना। ये पुरस्कार 28 फरवरी को प्रदान किए जाएंगे। साल में दो बार दिए जाने वाले ये पुरस्कार देश भर के जिला मजिस्ट्रेटों में से चुनिंदा को उम्दा काम के लिए प्रदान किए जाएंगे।
निर्णायक मंडल में ये भी शामिल थे : भारत के प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष रहे वजाहत हबीबुल्लाह, वर्ष 2009 से 2011 तक भारत की विदेश सचिव एवं अमेरिका, चीन में राजदूत व श्रीलंका में उच्चायुक्त रह चुकीं निरूपमा राव और पूर्व कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर। चंद्रशेखर के लिए, सुशासन का मतलब ‘सामाजिक और आर्थिक बदलाव करना और प्रशासनिक ढांचा तैयार करना है, जिससे लोगों की जरूरतें बेहतर ढंग से पूरी हो सकें।’ राव के लिए, इसमें शामिल है, ‘सबसे पहले उद्देश्य एवं आचरण में ईमानदारी और दायरे से बाहर निकलकर सोचने की क्षमता, अभिनव होना एवं धरातल से बढ़िया से जुड़ा होना होगा क्योंकि आपको जनोन्मुख होना होगा।’
ये कुछ ऐसे मापदंड थे, जिनके आधार पर जजों ने विजेताओं का आकलन किया। हबीबुल्लाह के मुताबिक, विजेताओं का ‘उनकी उपलब्धियों के आधार पर’ आकलन किया गया कि धरातल पर सरकारी योजनाएं लागू करने में ‘वे कितने सफल रहे’।
जस्टिस लोढ़ा ने कहा, ‘आखिरकार, यह देखा गया कि परियोजना का प्रभाव’ कैसा रहा। राव ने कहा, ‘आप नवोन्मेष और हालात को समझने की जरूरत की इस तरह की क्षमता तलाश रहे थे, विकास में जंजीरों में जकड़ने की नहीं।’
चंद्रशेखर ने कहा, ‘असल में अच्छा प्रशासक वही है… जो देश, क्षेत्र, संस्थान और इकाइयों के बारे में भविष्य के अगले 10 साल के लिहाज से सोच सके और सभी के लिए शांति एवं समृद्धि की दिशा में प्रशासनिक बदलाव लाने के लिए काम करे।’
जिला मजिस्ट्रेटों को 16 श्रेणियों में ये पुरस्कार दिए जाएंगे। इसके लिए 24 राज्यों के 84 जिलों से 249 प्रविष्टियां पहुंची हैं।
अवॉर्ड्स आयोजन के नॉलेज पार्टनर केपीएमजी ने सभी प्रविष्टियों की नवाचार, प्रभाव, परिपालन और जन भागीदारी के लिहाज से पूरी छानबीन की। शॉर्टलिस्ट प्रविष्टियों की ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के संवाददाताओं और संपादकों ने जमीनी दौरा और ऑडिट कर पुष्टि की। इसके बाद निर्णायक मंडल ने विजेताओं का चयन किया।
