उत्‍तरी गुजरात के मेहसाणा जिले स्‍थ‍ित खादलपुर गांव का एक घर। 3000 लोगों की रिहाइश वाले इस गांव में कई पक्‍के मकान और मवेशियों को रखने की जगह है। इनके बीच एक एक मिट्टी का मकान, जिसकी छत टिन की है। यह घर कुछ दूसरी वजहों से भी अलग है। यह घर उस 14 साल की लड़की का है, जिसके साथ कथि‍त तौर पर उसके चचेरे भाइयों ने रेप किया। दो हफ्ते पहले ही उसने एक बेटी को जन्‍म दिया। लड़की अपने 50 साल के पिता और 15 साल के एक भाई के साथ यहां रहती है। भाई देख नहीं सकता। मां की कैंसर से मौत हो गई, जब वह महज दो साल की थी। घर के नाम पर सिर्फ एक कमरा है, जिसमें बर्तन, एक सिंगल बेड बिस्‍तर और कुछ कपड़े बेतरतीब रखे हुए हैं। इसी कमरे में एक छोटी सी बच्‍ची, जिसका वजन दो किलो से थोड़ा ज्‍यादा है, एक गुलाबी दुपट्टे में लिपटी पड़ी है। बच्‍ची की 14 साल की मां इस झोपड़े से बाहर निकलने ही वाली थी कि बच्‍ची रोने लगती है। मां अंदर भागती है और बच्‍ची के गालों पर बैठे मच्‍छरों को भगाती है।

लड़की ने बताया, ”कुछ महीनों पहले, मैं खेतों में जलावन की लकड़ी इकट्ठी करने गई थी। मेरे घर के पास रहने वाले चार ठाकुर लड़कों ने मुझ पर हमला किया। वे मेरे दूर के भाई लगते हैं। मैंने इस बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। लेकिन जब मेरा पेट फूलने लगा, गांव की एक औरत ने बताया कि मैं गर्भवती हूं। इसके बाद, मैंने अपने पिता को उस घटना के बारे में बताया।” इस साल अगस्‍त ने पिता ने करीब के लघनाज पुलिस स्‍टेशन में शिकायत दर्ज कराई। लड़की ने बताया, ”एक महिला कॉन्‍स्‍टेबल मुझे सरकारी अस्‍पताल ले गई, जहां डॉक्‍टरों ने मुझे बताया कि मैं सात महीने की गर्भवती हूं और मेरा गर्भपात नहीं हो सकता। इसलिए मैंने बच्‍चे को जन्‍म देने का फैसला किया।” रेप के सभी आरोपी खेतों में काम करने वाले मजदूर हैं, जिनकी उम्र 18 साल से 21 के बीच है। वे सभी पुलिस कस्‍टडी में हैं।

इस बीच, नवजात बच्‍ची एक बार फिर रोने लगती है। लड़की उसे दूध पिलाती है, उसके ऊपर मंडरा रही मक्‍ख‍ियों को उड़ाती है और बच्‍ची को चुप कराने की कोशिश करती है। लड़की ने बताया, ”मेरी मदद के लिए यहां कोई नहीं है। पड़ोसी यहां तक कि रिश्‍तेदार भी हमसे ज्‍यादा बात नहीं करते। मेरे साथ खेलने वाली मेरी हमउम्र लड़कियों की अब शादी हो चुकी है।” लड़की पूरे दिन अधिकतर अकेले ही वक्‍त बिताती है। सुबह-सुबह ही उसके पिता काम पर चले जाते हैं। भाई स्‍कूल चला जाता है। अपनी नवजात बच्‍ची के अलावा, घर में रखा टीवी ही एक ऐसा साधन है, जिसके सहारे लड़की का वक्‍त कटता है। बाकी वक्‍त में वो घर का ख्‍याल रखती है। खाना पकाना, बर्तन धोना और चूल्‍हे के लिए लकड़ी चुनने जाना उसी के जिम्‍मे है।

दोपहर का वक्‍त है। मजदूरी करने वाला लड़की का पिता काम से लौट चुका है। एक दुर्घटना की वजह से उसकी आंखों की रोशनी करीब करीब जा चुकी है। उसने बताया, ”मैं कई छोटे मोटे काम करके महीने में पांच हजार रुपए तक कमा लेता था। मैंने अपने बच्‍चों को खुद पाला है। जो बच्‍ची अभी जन्‍मी है, इसका भी ख्‍याल रखूंगा। जब ये एक साल के लिए हो जाएगी तो इसे किसी को गोद लेने के लिए दे दूंगा। हालांकि, मेरी बेटी उसे पालना चाहती है। उसकी मर्जी है तो ठीक है।” उसकी बेटी को क्‍या हुआ, इस बारे में बताते हुए पिता ने कहा, ”वो इतनी बुद्धिमान नहीं है। शायद तभी गांव की किसी दूसरी लड़की के साथ ऐसा नहीं हुआ। उनमें से एक लड़का मेरे घर के सामने ही रहता है। मेरी बेटी उन सभी को बचपन से जानती है, क्‍योंकि वे हमारे दूर के रिश्‍तेदार हैं।”

इस पूरी बातचीत के दौरान उदास दिख रही उसकी बेटी अचानक से चहक उठती है, जब वह अपने मनपंसद टीवी शो सीआईडी के बारे में बताती है। पिता का कहना है कि उसने लोन लेकर एक टीवी और वीसीडी खरीदा है। वहीं, लड़की के भाई ने कहा, ”वह सभी टीवी चैनल और उन पर आने वाले शो के बारे में जानती है।” जिस वक्‍त भाई बात कर रहा है, उसकी बहन बाहर सड़क पर घूम रहे पिल्‍लों के साथ खेलने लगती है। इस बीच, कौतुहल से भरे कुछ पड़ोसी घर के आसपास इकट्ठे होने लगते हैं। उनको देखते हुए पिता कहता है, ”स्‍थानीय एसपी केबी पटेल ने हमें कहा कि गांववालों से कोई भी खतरा महसूस होने पर उनको जानकारी दी जाए। ये गांववाले खुद में कितनी भी बातें कर लें, लेकिन इनकी हमें सीधे तौर पर कुछ कहने की हिम्‍मत नहीं है।” पिता ने बताया कि पास के ही गांव में रहने वाली उसकी बड़ी बहन ने उस वक्‍त उसके घर आना-जाना छोड़ दिया, जब उसे रेप की घटना के बारे में पता चला। पिता ने कहा, ”वह कहती है कि मेरी बेटी की वजह से परिवार की इज्‍जत कम हुई है।” इस बातचीत के दौरान लड़की का पिता दोपहर के खाने के लिए आलू और पत्‍तागोभी काटने लगता है। उसने कहा, ”बेटी को अपनी बच्‍ची का ध्‍यान रखना होता है। आजकल मैं घर के अधिकतर काम कर देता हूं।” इस बात को कहने के बीच‍, पिता ने अपनी बाहर घूम रही बेटी को कहा कि वह बच्‍ची के सिर को ठीक से पकड़े।

झोपड़े के बाहर लड़की की बुजुर्ग रिश्‍तेदार सीताबेन ठाकुर बैठी हैं। वह कहती हैं, ”वह हमेशा अकेले ही लकड़ी बीनने क्‍यों जाती थी? हमारी कोई भी बेटी अकेले किसी काम के लिए कभी नहीं गई। मेरी दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है।” उधर, गांव के सरपंच नवीनजी ठाकुर ने कहा, ”गांव के बुर्जुगों की बैठक में हमने फैसला किया कि लड़कों को इसका अंजाम भुगतना ही होगा, क्‍योंकि उन्‍होंने गलत काम किया है।” हालांकि, यह अलग बात है कि सरपंच एक आरोपी का रिश्‍तेदार है। जिस लड़की को उसके अपनों ने इस मुश्‍क‍िल की घड़ी में छोड़ दिया, उसकी मदद के लिए कई लोग सामने आए हैं। मेहसाणा ओएनजीसी ने लड़की के मेडिकल खर्च के लिए 10,800 रुपए दिए हैं। लोकल पुलिस स्‍टेशन ने भी 5 हजार रुपए की आर्थिक मदद की है। मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद से इंस्‍पेक्‍टर केबी पटेल परिवार पर नजर रखे हुए हैं। वे उनके घर भी आते आते हैं। पटेल ने बताया, ”शिकायत दर्ज कराए जाने के दिन ही हमने चारों लड़कों को हिरासत में ले लिया। ऐसा पता चलता है कि इन लड़कों ने बहला फुसलाकर कई महीनों तक रेप किया। लड़की ने कहा कि वो बच्‍ची को जन्‍म देना चाहती है। वह गर्भपात नहीं कराएगी।” इस बीच, टीवी पर लड़की का मनपसंद शो सीआईडी शुरू हो चुका है। मुस्‍कुराती हुई लड़की की आंखें टीवी स्‍क्रीन पर है, हालांकि, वो बीच बीच में अपनी सोती हुई बच्‍ची को भी देखते रहती है।