Jammu and Kashmir Terrorist Attack: पहलगाम में हुए आतंकी हमले से एक हफ्ते पहले आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर में तीन और जगहों की रेकी की थी। लेकिन सुरक्षा बलों के कड़े इंतजाम की वजह से वे आतंकी हमले की वारदात को अंजाम नहीं दे सके। मीडिया खबरों के मुताबिक, जांच में पता चला है कि हमले से 2 दिन पहले आतंकवादी बैसरन घाटी में मौजूद थे। हमले से जुड़े एक Over Ground Workers (OGWs) से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है।
हमले की जांच से जुड़े सीनियर अफसरों के मुताबिक, आतंकवादी 15 अप्रैल को पहलगाम पहुंचे और उन्होंने बैसरन घाटी सहित कम से कम चार जगहों की रेकी की थी। बैसरन घाटी के अलावा अन्य तीन जगह- अरु घाटी, मनोरंजन पार्क और बेताब घाटी थे और ये आतंकवादियों के निशाने पर थीं।
कौन हैं वे आतंकवादी जिनके घरों को पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों ने उड़ा दिया?
हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने करीब 20 OGWs की पहचान की है। इन सभी पर दूसरे देशों की धरती से आतंकवादियों को समर्थन देने का संदेह है। इनमें से कई को गिरफ्तार किया गया है और अन्य लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, कम से कम चार OGWs ऐसे हैं, जिन्होंने आतंकवादियों की मदद की। यह भी पता चला है कि इस दौरान हमले से पहले तीन सेटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया गया।
NIA और खुफिया एजेंसियों ने अब तक हमले के सिलसिले में 2500 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है। इसके अलावा हुर्रियत कांफ्रेंस के अलग-अलग धड़ों और जमात-ए-इस्लामी के समर्थकों के घरों की भी तलाशी ली गई है।
Pahalgam Terror Attack News LIVE:
कुपवाड़ा, हंदवाड़ा, अनंतनाग, त्राल, पुलवामा, सोपोर, बारामुल्ला और बांदीपुरा जैसे इलाकों पर नजर रखी जा रही है। OGWs और हमलावरों के बीच के संबंधों का पता लगाने के लिए कॉल रिकॉर्ड और अन्य टेक्निकल डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।
दस दिन बाद भी पकड़ से बाहर हैं आतंकी
पहलगाम के आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से 25 पर्यटक थे। इस बीच, हमले की जांच के लिए NIA के महानिदेशक बैसरन घाटी पहुंचे और तीन घंटे तक वहां रुके। हमले के दस दिन बाद भी हमलावरों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। घने जंगलों और अलग-अलग जगहों पर सुरक्षा बलों के द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियानों के बावजूद आतंकवादी अभी भी फरार हैं।
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