नेट न्यूट्रैलिटी के मसले पर टेलीकॉम रेग्युलेट्री अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने मंगलवार को अपनी सिफारिशें जमा की हैं। नियामक संस्था ने इसमें कहा है कि टेलीकॉम कंपनियां इंटरनेट एक्सेस देने के मामले में भेदभाव नहीं कर सकेंगी। वे किसी भी हालत में इंटरनेट की स्पीड घटा या बढ़ा नहीं सकेंगी। बता दें कि ट्राई की सिफारिशें ऐसे समय पर आई हैं, जब दुनिया भर में नेट न्यूट्रैलिटी पर चर्चा हो रही है। ट्राई ने अपने बयान में नेट न्यूट्रैलिटी का पक्ष लेते हुए कहा कि इंटरनेट एक्सेस की जब बात आएगी, तो टेलीकॉम कंपनियां इस मामले में भेदभाव नहीं कर सकेंगी। चूंकि यह एक खुला मंच (ओपेन प्लैटफॉर्म) है, जो बराबरी के संवैधानिक अधिकार पर आधारित है। ट्राई के अध्यक्ष आर.एस शर्मा ने इससे पहले इन फ्लाइट कनेक्टिविटी (आईएफसी) पर फोन कॉल सेवा और डाटा सर्विस देने के मामले पर चर्चा को लेकर बातचीत की थी। उधर, कहा जा रहा है कि ट्राई की इन सिफारिशों के बाद टेलीकॉम कंपनियों के शेयर में गिरावट देखने को मिल सकती है।
क्या कहा सिफारिशों में ट्राई ने –
– इंटरनेट एक खुला हुआ मंच (ओपेन प्लैटफॉर्म) है।
– लाइसेंस रेग्युलेशन में फेरबदल हो।
– टेलीकॉम कंपनियां भेदभाव आधारित कंटेंट पर कॉन्ट्रैक्ट न करें
– इंटरनेट के एक्सेस को परिभाषित किया गया
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— TRAI (@TRAI) November 28, 2017
