झारखंड चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन में उथल-पुथल देखने को मिल रही है। ऐसी खबर है कि कम सीटें मिलने की वजह से तेजस्वी यादव खासा नाराज हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि झारखंड चुनाव के लिए आरजेडी इंडिया गठबंधन से अलग हो सकती है। अगर ऐसा हो जाता है तो यह विपक्ष के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।
तेजस्वी की नाराजगी का कारण क्या?
असल में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि 81 सीटों में से 70 सीटों पर उनकी पार्टी और कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। बाकी सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ दी गई थीं। अब उसी सीट शेयरिंग डील ने तेजस्वी को नाराज कर दिया है, वे ज्यादा सीटों की उम्मीद लगाए बैठे थे। वैसे भी क्योंकि बिहार की राजनीति का झारखंड में भी असर रहता ही है, ऐसे में वे ज्यादा सम्मान चाहते थे। लेकिन अब कहा जा रहा है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
झारखंड NDA में हुआ सीटों का बंटवारा
कितनी सीटें चाहती है आरजेडी?
शनिवार को मनोज झा ने तल्खी भरे अंदाज में कह दिया था कि सीट शेयरिंग कोई 2 मिनट के नूडल्स बनाने जैसा नहीं है। उनके मुताबिक 15 से 18 झारखंड की ऐसी सीटे हैं जहां आरजेडी अपने दम पर बीजेपी को हरा सकती है। लेकिन जेएमएम और कांग्रेस ने एकतरफा फैसला लेते हुए सीट शेयरिंग का ऐलान किया। इसी वजह से अब आरजेडी अपनी राहें अलग कर सकती है।
एनडीए दलों में किसे कितनी सीटें?
वैसे बीजेपी की तरफ से भी झारखंड में सीट शेयरिंग कर ली गई है। 81 विधानसभा सीटों में से बीजेपी 68, आजसू 10, जेडीयू 2 और लोजपा (रामविलास) एक सीट पर चुनाव लड़ेगी। बीते कई महीने से झारखंड में चुनाव लड़ने के लिए जेडीयू और लोजपा (रामविलास) भी तैयारी कर रहे थे लेकिन उन्हें काफी कम सीटें दी गई हैं। झारखंड में दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को वोटिंग होगी। 23 नवंबर को वोटों की गिनती की जाएगी।