Saydnaya Prison: सीरिया में पिछले 54 साल से चल रही बशर अल-असद की सरकार का शासन खत्म हो गया है। साल 2011 में राष्ट्रपति असद के शासन के खिलाफ जब स्थानीय प्रदर्शनकारियों ने आवाज उठाई थी तो असद की सरकार ने उन्हें कुचलने की कोशिश की थी और ऐसे लाखों लोगों को सेडनाया जेल की काल कोठरियों में कैद कर दिया था। सेडनाया जेल को असद सरकार का बूचड़खाना भी कहा जाता है क्योंकि यहां पर हजारों कैदियों की हत्या कर दी गई थी और जो लोग जिंदा थे, उनकी हालत बेहद खराब थी। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने साल 2017 में इसे ह्यूमन स्लॉटर हाउस कहा था।

राष्ट्रपति असद के मुल्क छोड़कर भागने के बाद विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के लड़ाकों ने सेडनाया जेल पर हमला कर दिया और जेल में बंद लोगों को रिहा कर दिया। इसके बाद से ही सीरिया के कोने-कोने से लोग सेडनाया जेल में पहुंच रहे हैं। वे यहां बंद कैदियों के बीच ‘अपनों’ की तलाश कर रहे हैं।

Abu Mohammad al-Jolani: कौन है अबू मोहम्मद अल-जोलानी जिसने सीरिया में बशर अल-असद की सरकार को उखाड़ फेंका?

हयात तहरीर अल-शाम का प्रमुख है जोलानी। (Source-)

आईए, आपको सेडनाया जेल के बारे में और भी बहुत कुछ बताते हैं।

1980 के दशक में सीरिया की राजधानी दमिश्क से लगभग 30 किलोमीटर दूर यह जेल बनाई गई थी। एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, जेल में हिरासत के दो केंद्र थे: “लाल इमारत” और “सफेद इमारत”। प्रत्येक केंद्र की क्षमता 10,000 से 20,000 लोगों की है। L-आकार की लाल इमारत में आम लोगों को हिरासत में रखा गया था, जिनमें से ज़्यादातर लोग 2011 में गृहयुद्ध की शुरुआत के बाद से गिरफ़्तार किए गए थे।

सफेद इमारत में मुख्य रूप से सीरिया के सैन्य कर्मचारियों को हिरासत में रखा गया था। इनके बारे में माना जाता है कि वे असद के शासन के प्रति वफादार नहीं थे।

सेडनाया जेल के बंदियों और गुमशुदा लोगों के संघ Association of Detainees and the Missing of Sednaya Prison (ADMSP) की 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक सेडनाया जेल में तीन लेवल की सुरक्षा थी।

Syria Civil War: अब आपकी बारी है, डॉक्टर…राष्ट्रपति असद के खिलाफ सीरिया के किशोर की इन लाइनों ने कैसे दी विद्रोह को आवाज 

असद सरकार के गिरने के बाद दमिश्क में जश्न मनाते विपक्षी लड़ाके। (Source- AP/PTI)

‘डेथ कैंप है सेडनाया’

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अनुमान लगाया है कि सितंबर 2011 से दिसंबर 2015 के बीच सेडनाया जेल में 5,000 से 13,000 बंदियों को “न्यायिक तरीके से फांसी” दे दी गयी और उसके बाद से भी हजारों लोगों को मौत की सजा दी जा चुकी है। कुछ संगठनों ने कहा है कि सेडनाया डेथ कैंप है। ब्रिटेन के संगठन सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फ़ॉर ह्यूमन राइट्स का अनुमान है कि अकेले सेडनाया में 30,000 से ज़्यादा बंदियों की हत्या कर दी गई।

जेल से बचे हुए जिंदा लोगों ने वहां की डरा देने वाली कहानी बताई है। आधी रात को कैदियों को लाल और सफेद इमारत से फांसी के कमरे में ले जाया जाता था। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, लोगों की आंखों पर पट्टी बांध दी जाती थी और उन्हें एक ऊंचे मंच पर ले जाया जाता था, जहां पर फांसी के 10 फंदे लटके हुए होते थे। इस कमरे में तीन सेल थे जिसमें एक बार में 100 कैदियों को फांसी दी जाती थी।

विरोध करने पर हो सकती थी जेल

असद के शासन के दौरान और खास तौर पर 2011 में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद राष्ट्रपति के प्रति विरोध का कोई भी संकेत किसी भी शख्स को सेडनाया जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा सकता था। पिछले कुछ सालों में बहुत कम लोगों को ही जेल से रिहा किया गया। रिहा किए गए कैदियों और जेल अधिकारियों की गवाही का हवाला देते हुए एमनेस्टी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान हजारों लोगों को सामूहिक फांसी दी गई। रिपोर्ट के अनुसार, कैदियों को लगातार यातना दी जाती थी, पीटा जाता था और महिला कैदियों से बलात्कार भी किया जाता था।

Syria Civil War: कैसे शुरू हुआ गृह युद्ध, क्या है सीरिया में चल रहा पूरा झगड़ा, क्यों हार गए बशर अल-असद?

2011 से सीरिया में चल रही है लड़ाई। (Source-AP)

एमनेस्टी ने कहा था कि तकरीबन हर दिन जेल के सुरक्षा गार्ड जेल कोठरियों से कैदियों के शवों को इकट्ठा करते थे मौत जिनकी यातना के कारण हुई थी।

2024 में आई यूनाइटेड नेशंस की एक रिपोर्ट के मुताबिक जिसका शीर्षक था- “The Syrian Government Detention System as a Tool of Violent Repression” जेल में गंदगी, हिंसा और बेहद अमानवीय हालत थे। बड़ी संख्या में कैदी मारपीट, अत्याचार, बीमारी भूख और प्यास से मरने को मजबूर थे। हालात इस कदर खराब थे कि कई कैदी जिंदा रहने के लिए अपना पेशाब तक पीते थे। 2017 में अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा था कि हजारों कैदियों को दफनाने के लिए सेडनाया जेल में एक श्मशान बनाया गया था।

सीरिया संकट के बीच भारत ने सीरिया से अपने कितने नागरिकों को इस मुल्क से बाहर निकाला है, क्लिक कर पढ़िए खबर।

(एपी इनपुट के साथ)