शहरों को कचरामुक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार स्वच्छ भारत मिशन चला रही। जिसके तहत सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, शौचालय निर्माण, कचरों से ऊर्जा निर्माण आदि कार्य चल रहे हैं। इन सब कामों के लिए पिछले तीन वर्षों में शहरी एवं आवास मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 5,136 करोड़ रुपये जारी किए हैं। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2015-16 में 1076 करोड़, 2016-17 में 2037 करोड़ और 2017-18 में 2023 करोड़ जारी हुए। आंकड़ों को देखने से पता चलता है कि पिछले तीन वर्षों में जिन राज्यों को सर्वाधिक बजट मिला, वहां ज्यादातर में बीजेपी की सरकार है।
सबसे ज्यादा बजट हासिल करने वाला शीर्ष पांच राज्य हैं-मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और तमिलनाडु। वहीं गुजरात और आंध्र प्रदेश छठें और सातवें स्थान पर हैं।सात करोड़ धनराशि के साथ मध्य प्रदेश सूची में पहले स्थान पर है। वहीं 580 करोड़ के साथ उत्तर-प्रदेश दूसरे स्थान पर है। खास बात है कि 2017-18 में अकेले यूपी को ही 497.7 करोड़ रुपये मिल गए। जबकि उत्तर प्रदेश को 2015-16 में सिर्फ 82 करोड़ मिले थे। 533 करोड़ रुपये के साथ राजस्थान तीसरे स्थान पर रहा। तीन साल के दौरान स्वच्छ भारत मिशन-शहरी योजना के तहत बिहार को 185 करोड़, कर्नाटक को 166.9 करोड़, तेलंगाना को 147.7 करोड़, हरियाणा को 99, पंजाब को 65.5 और केरल को 24.4 करोड़ मिले।
मंत्रालय की वेबसाइट पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक देश भर में 66.42 लाख लक्ष्य के सापेक्ष 46.36 लाख निजी शौचालय बने। वहीं 5.07 लाख के सापेक्ष तीन लाख सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण हुआ। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 51, 734 वार्ड्स में डोर-टू डोर कूड़ा कलेक्शन हो रहा है।
