विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि उन्होंने आइपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज जारी करने के लिए ब्रिटिश सरकार से कोई अनुरोध नहीं किया था और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार व तथ्यहीन हैं।
राज्यसभा में उपसभापति कुरियन ने कांग्रेस सदस्य आनंद शर्मा द्वारा नियम 267 के तहत दिए गए नोटिस का जिक्र करते हुए कहा कि जब तक चर्चा नहीं शुरू होगी, प्रधानमंत्री जवाब नहीं दे सकते।
इस पर सदन के नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सुषमा स्वराज एक बयान देंगी ताकि चर्चा शुरू हो सके। सुषमा ने कहा कि वह पहले दिन से कह रही हैं कि वे अपने खिलाफ लगाए आरोपों का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ललित मोदी को मदद देने का आरोप निराधार और आधारहीन हैं। उन्होंने कहा कि मैंने ललित मोदी को यात्रा दस्तावेज जारी करने के लिए ब्रिटिश सरकार से कोई अनुरोध या सिफारिश नहीं की है।
उनके बयान के बीच ही कांग्रेस सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। सुषमा ने हंगामे के बीच ही कहा कि वह दो हफ्तों से इस उम्मीद में रोजाना सदन में आ रही हैं कि वह इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दे सकेंगी। कांग्रेस के मधुसूदन मिस्त्री, प्रमोद तिवारी व आनंद शर्मा आदि ने दावा किया कि सुबह विदेश मंत्री ने सदन में जो टिप्पणी की थी, उसके लिए आसन ने अनुमति नहीं दी थी।
सदन के नेता अरुण जेटली व संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि विदेश मंत्री ने आनंद शर्मा की बात पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, कोई बयान नहीं दिया था। उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि यह बयान नहीं था बल्कि उन्होंने आनंद शर्मा की बात पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।