आज 2021 का आखिरी सूर्यग्रहण पड़ रहा है। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखायी देगा। दुनिया के दक्षिणी गोलार्ध में इसे देखा जा सकेगा। अंटार्किटिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक का दक्षिणी भाग, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अमेरिका में यह ग्रहण दिखायी देगा। अंटार्कटिका और दक्षिणी महासागर में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखायी देगा जबकि दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिाय और न्यूजीलैंड में आशिंक सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा।

क्या है सही समय?
यह सूर्य ग्रहण कुछ ही समय का होगा। ग्रहण की शुरुआत सुबह 10 बचकर 59 मिटन से होगी और यह 3 बजकर 7 मिनट तक रहेगा। इस हिसाब से इसकी कुल अवधि 4 घंटे चार मिनट की है। भारत में सूर्य ग्रहण नहीं पड़ेगा इसलिए दिन सामान्य ही रहेगा।

सूतक काल
भारत में सूतक काल का धार्मिक महत्व होता है। ग्रहण के कुछ घंटों पहले यह शुरू हो जाता है। सूतककाल के दौरान कई कार्य नहीं किए जाते हैं। सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले ही यह समय शुरू हो जाता है। हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखायी देगा इसलिए भारत में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

कैसे लगता है सूर्य ग्रहण?
जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्र तीनों अपना-अपना परिक्रमा चक्र पूरा करते हुए एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। तो इस स्थिति में चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में इस तरह से आ जाता है कि इससे सूर्य की रोशनी प्रभावित होती है। ऐसे में सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता। इसे ही सूर्य ग्रहण लगना कहा जाता है।

सुरक्षा के साथ कैसे देखें सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण को सीधे देखना सुरक्षित नहीं होता है। ऐसे में सूर्य ग्रहण देखने के समय खास तरह का चश्मा पहनना जरूरी होता है। सामान्य धूप का चश्मा पहनकर भी इसे नहीं देखना चाहिए। अगर ग्रहण देखने का चश्मा न हो तो पिनहोल प्रोजेक्टर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।