सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके के एक विवादित ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना हो रही है। पुलिस एसोसिएशन ने उनपर कार्रवाई की मांग भी की है। गुरुवार को चव्हाणके ने एक ट्वीट करते हुए वीडियो साझा किया था। इस वीडियो में वह कहते हैं,  अचानक मुसलमान आईएएस, आईपीएस में कैसे बढ़ गए? ‘सोचिये, जामिया के जिहादी अगर आपके जिलाधिकारी और हर मंत्रालय में सचिव होंगे तो क्या होगा?’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है, #सावधान लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ कार्यपालिका के सबसे बड़े पदों पर मुस्लिम घुसपैठ का पर्दाफ़ाश. #UPSC_Jihad
#नौकरशाही_जिहाद देश को झकझोर देने वाली इस सीरीज़ का लगातार प्रसारण प्रतिदिन। शुक्रवार 28 अगस्त रात 8 बजे से सिर्फ सुदर्शन न्यूज़ पर।

आईपीएस एसोसिएशन ने एक ट्वीट में चव्हाणके के इस वीडियो की निंदा की है और  इसे सांप्रदायिक और गैर ज़िम्मेदाराना पत्रकारिता बताया है। आईपीएस  अधिकारी आरके विज ने ट्वीट कर इसे निंदनीय बताया है और कहा कि इसे रोका जाना चाहिए। आईएएस अधिकारी अवनीश सरन ने ट्वीट करते हुए लिखा है,  टीआरपी की मंडी में यह नई एंट्री है। कथित पर्दाफाश के स्रोत और विश्वसनीयता के बारे में इनसे पूछा जाना चाहिए।

राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने शुक्रवार को कार्यक्रम के प्रसारण को रोकने के लिए न्यूज ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है। वहीं, सुरेश चव्हाणके ने अपने बचाव में कई ट्वीट्स किए हैं और कहा कि कार्यक्रम प्रसारित होने के बाद इस पर अपनी प्रतिक्रिया दें। कार्यक्रम में सभी के सवालों के जवाब मिलेंगे।

इससे पहले एक वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो क्लिप में सुदर्शन न्यूज चैनल के सीएमडी और एडिटर-इन-चीफ सुरेश चव्हाण अयोध्या जा रह थे। इसी बीच, उन्हें कुछ लोग मिले। इन लोगों ने चव्हाण को राम दरबार का एक फोटो भेंट किया, जो कि हरे रंग की पन्नी में पैक था। जैसे ही उनके पास यह भेंट आई, उन्होंने सामने वाले शख्स से कहा- हटाओ इसे…राम जी का दे रहो हो, वह भी हरा रंग लगाकर।