सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक मामले में सोनिया गांधी का नाम लेने पर उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍य सचिव नीरा यादव के वकील को फटकार लगाई। नीरा यादव ने चार साल की जेल की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। उन्‍हें यह सजा नोएडा में एक औद्योगिक यूनिट के लिए प्‍लॉट आवंटित करने से आपराधिक षड़यंत्र रचने और भ्रष्‍टाचार के मामले में सुनाई गई थी। सोमवार को जब सुप्रीम कोर्ट में उनके केस की सुनवाई शुरू हुई तो वकील प्रकाश कुमार सिंह ने दो वरिष्‍ठ वकीलों की गैर मौजूदगी में सुनवाई स्‍थगित करने की अपील की। उन्‍होंने कहा, ”गोपाल सुब्रमण्‍यम बीमार हैं। अन्‍य वरिष्‍ठ वकील को सोनिया गांधी का फोन आया था तो वे वहां चले गए।”

अगले कुछ सैकंड तक जस्टिस जेएस खेहर और जस्टिस अरुण मिश्रा ने आपस में बात की और सिंह को लताड़ा। जस्टिस खेहर ने कहा, ”आप क्‍या सोचते हैं नाम लेने से हम पर क्‍या असर पड़ेगा? आप हमें क्‍या कहना चाहते हैं? क्‍या यह दिखावा है या आप हमें प्रभावित करना चाहते हैं? हम इसे सहन नहीं करेंगे।” उन्‍होंने कहा कि वकील का सोनिया का नाम कोर्ट में लेना पूरी तरह से गलत है। केस से जो नहीं जुड़ा हुआ है उसमें कोर्ट को कोई रूचि नहीं है। इस दौरान जस्टिस मिश्रा ने कहा कि सिंह का बयान उन्‍हें अवमानना में घसीटने को काफी है। उन्‍होंने पूछा, ”यह कोर्ट की अवमानना का मामला है। आप यह सब कहकर क्‍या कोर्ट पर असर डालना चाहते हैं?”

वकील ने जब अपने बयान पर सफार्इ देनी चाही तो जस्टिस खेहर ने कहा, ”आप क्‍या यह सोचते हैं कि इस तरह के बयानों से हम पर असर पड़ेगा या हम डर जाएंगे? हम आपको नहीं करने दे सकते। कोर्ट की ताकत को हल्‍के में मत लो।” इसके बाद बैंच ने मामले को सुनने से इनकार कर दिया और सिंह से कहा कि वे किसी और बैंच में जाए। बैंच ने आदेश दिया, ”एक सप्‍ताह बाद किसी और बैंच के सामने केस लिस्‍ट करो”